छेड़खानी से परेशान होकर किशोरी ने आत्मदाह कर दी जान, आरोपी युवक कुल 4 वर्ष के कारावास से दंडित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। युवक द्वारा बार बार पीछा करने और छेड़खानी से परेशान किशोरी द्वारा आत्मदाह किए जाने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 4 वर्ष के कारावास व 1100 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला आज विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

घटना मोहन नगर थाना क्षेत्र की है। थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासी साढ़े 15 वर्ष की किशोरी ने 10 अप्रैल 2021 को ट्यूशन से लौटने बाद जान देने की नियत से स्वंय को आग लगा थी। उपचार के दौरान दूसरे दिन किशोरी की मौत हो गई। पुलिस पड़ताल में किशोरी के परिजनों ने बताया कि लंबे समय से कालोनी का युवक शशिकांत उर्फ आदर्श कोमा (21 वर्ष) किशोरी को परेशान कर रहा था। स्कूल आते-जाते समय पीछा कर कमेंट करने के अलावा घर मोबाइल पर बार बार फोन करता था। घटना दिन को किशोरी ट्यूशन पढ़ कर वापस लौट रही थी तो आरोपी ने उसे रास्ते में रोक कर प्रेम का इजहार किया और जबरदस्ती सेल्फी लेने का प्रयास किया। युवक की इस हरकत से घबराई किशोरी अपने घर पहुंची और परिजनों को इसकी जानकारी दी। जिस पर परिजनों ने आरोपी युवक के माता-पिता से बात कर उसे समझाइश देने का आश्वासन दिया। इसी दरम्यान किशोरी ने स्वंय को बाथरूम में बंद कर लिया और मिट्टी का तेल स्वंय पर डाल कर आग लगा ली। उपचार के दौरान किशोरी की अस्पताल में मौत हो गई। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।

प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त शशिकांत कोमा उर्फ आदर्श को दोषी करार दिया। अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत 3 वर्ष कारावास व धारा 12 के तहत एक वर्ष से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। अभियुक्त मामले पर फैसला आने तक जेल में ही निरुद्ध है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।