रांची (झारखंड)। झारखंड में घरेलू सहायिका (मेड) को प्रताड़ित करने वाली भाजपा की निलंबित नेता सीमा पात्रा गिरफ्तार कर लिया गया। सीमा पात्रा ने अपनी घरेलू सहायिका को ना केवल कई दिनों तक भूखा रखा, बल्कि लोहे की रॉड से उसके दांत तक तोड़ दिए। इसका खुलासा सीमा पात्रा के बेटे की वजह से ही हो पाया। सीमा पात्रा के बेटे ने इसका जिक्र अपने दोस्त से किया, जो कि एक सरकारी अधिकारी हैं और उससे मदद मांगी। जब पुलिस सीमा पात्रा को ले जा रही थी, तो उन्होंने मीडिया से कहा कि उसे फंसाया जा रहा है, ‘मैं निर्दोष हूं।’
सीमा पात्रा को बेनकाब करने वाले अपने बेटे को ही सीमा ने कथित तौर पर अस्पताल में भर्ती करा दिया था। जब उससे इस बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा, ‘वह अस्वस्थ’ था। घरेलू सहायिका को प्रताड़ित करने का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने मंगलवार को सीमा पात्रा को निलंबित कर दिया था। पात्रा भाजपा की महिला विंग की नेशनल वर्किंग कमेटी की सदस्य थीं और उनके पति महेश्वर पात्रा एक रिटायर IAS अधिकारी हैं। पीड़ित घरेलू सहायिका उनके परिवार के लिए पिछले 10 साल से काम कर रही थीं।

वीडियो में देखा जा सकता है कि पीड़िता अस्पताल के बिस्तर पर लेटी हुई हैं, उनके चेहरे और शरीर पर जख्म के निशान हैं। 29 वर्षीय पीड़िता मुश्किल से बोल पा रही थी। उसने आरोप लगाया कि उसे बंदी बनाकर प्रताड़ित किया गया। लोहे की रॉड और कड़ाही से पीटा गया। उसके कई दांत गायब थे और वह उठ नहीं पा रही थी। उसने आरोप लगाया कि उसे फर्श से पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया गया। पीड़िता ने कहा, “लोहे की रॉड से मेरे दांत भी तोड़ दिए।’ उसे कथित तौर पर कई दिनों तक खाना या पानी नहीं दिया गया था। पीड़िता ने कहा कि सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान ने उसे बचाया है। वीडियो में पीड़िता ने रोते हुए कहा, ‘उसकी वजह से ही मैं जिंदा हूं।’
पिछले हफ्ते पीड़िता को तब बचाया गया था जब आयुष्मान ने इसका जिक्र अपने एक दोस्त से किया, और उसके साथ वीडियो शेयर करके मदद मांगी। उसका दोस्त विवेक आनंद बस्के एक सरकारी अधिकारी है, जिसने पुलिस के पास शिकायत की।
सीमा पात्रा को जब पता चला कि पीड़िता की उसका बेटा मदद करने की कोशिश कर रहा है तो उन्होंने अपने बेटे को ही रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो-साइकियाट्री एंड अलाइड साइंसेज में भर्ती करा दिया। अधिकारियों ने बताया कि पात्रा के घर से निकालने के बाद पुलिस पीड़िता को इलाज के लिए राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) ले गई, जहां उसका इलाज चल रहा है।
