संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव में शामिल हुए सिर्फ 5 नृतक दल, बैगा नृतक दल ने दी आकर्षक प्रस्तुति

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आदिवासियों के संस्कृति विकास और संवर्धन के लिए आज बी.आई.टी कॉलेज में संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव का कार्यक्रम रखा गया। मॉ सरस्वती के पूजन व दीप प्रज्जवलन कर नृत्य प्रतियोगिता प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत सैंदुरखार कबीरधाम के बैगा नृतक दल के विवाह नृत्य से हुई। जिसमें कलाकारों ने शानदार नृत्य का प्रदर्शन किया। इसके अलावा बरपानी कबीरधाम से चरण तीरथ बैगा नृत्य दल ने कर्मा नृत्य, मानपुर राजनांदगांव से जय बुढ़ादेव आदिवासी सांस्कृतिक दल ने कर्मा नृत्य का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में सिर्फ 05 दलों ने अपनी शिरकत दर्ज कराई। प्रतियोगिता में जय बुढ़ादेव कर्मा नृत्य दल, ग्राम कोदवा गण्डई, वि.खं. छुईखदान (गंडई) जिला-राजनांदगांव को प्रथम, चरण तीरथ बैगा नृत्य दल बरपानी वि.ख. बोड़ला जिला कबीरधाम को द्वितीय, बैगा नर्तक दल सैंदुरखार वि.ख.पंडरिया जिला कबीरधाम को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।


इस अवसर पर दुर्ग विधायक अरूण वोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने, संवारने और आगे बढ़ाने के लिए अभिनव कार्य कर रहा है। लोककला से आज छत्तीसगढ़ का मान-सम्मान पूरे देश में बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ शासन बैगा नृत्य, कर्मा नृत्य और आदिवासी नृत्य की विभिन्न विधाओं को पुरे देश में स्थान दिलाने का प्रयास कर रही है और उन्होंने आगे कहा अपनी संस्कृति और धरोहर को बचाने का दायित्व आज इन लोक कलाकारों का दायित्व है, जिन्हें ये बखूबी निभा रहे हैं।
कार्यक्रम में कमिश्नर महादेव कावरे भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में जनजातीय समाज अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचाने में लगा है। ऐसे आयोजनों से कला एवं संस्कृति समृद्ध होती है और आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कालाकारों के उत्साह वर्धक नृत्य प्रदर्शन की तारीफ भी की।
कार्यक्रम में धीरज बाकलीवाल महापौर दुर्ग, शालिनी रेवेन्द्र यादव जिला पंचायत अध्यक्ष, हरेन्द्र नेताम अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधि, नूपुर राशि पन्ना अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अरविंद जयसवाल जिला शिक्षा अधिकारी, प्रियवंदा रामटेके सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।