रावघाट मुद्दे पर ग्रामीणों में आया उबाल, कलेक्टोरेट का घेराव कर सौंपा 20 सूत्रीय मांग पत्र

रायपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य के नक्‍सल प्रभावित नारायणपुर जिले में स्थित रावघाट लौह खनन को लेकर आज ग्रामीणों ने जमकर विरोध विरोध जताया। शु्क्रवार को रावघाट इलाके के 23 पंचायत के प्रभावित गांवों के लोगों ने अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टोरेट का घेराव किया। ग्रामीण प्रभावित गांव बिंजली से रैली की शक्ल में कलेक्टोरेट के लिए निकले। रास्ते  में पुलिस द्वारा लगाए गए 3 बेरिकेड को तोड़ते हुए यहां पहुंचे। यहां परिसर के गेट पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी हुई। कुछ ग्रामीण गेट को पार कर अंदर घुस गए। बाद में पुलिस ने हल्‍का बल प्रयोग करके इन ग्रामीणों को बाहर निकाला।

कलेक्टोरेट के सामने, ग्रामीणोंं ने तीन घंटे तक नारेबाजी की और अपनी मांगें रखीं। बाद में नारायणपुर एसपी और कलेक्टर आंदोलनरत ग्रामीणों के बीच पहुंचे और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्‍वासन दिया। बता दें कि नारायणपुर और कांकेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित राबघाट लौह अयस्क परियोजना के शुरू होने की आस बरसों से इन इलाकों के लोगों में देखी जा रही है। रावघाट इलाके के नारायणपुर-कांकेर जिले 23 गांव रावघाट परियोजना अंतर्गत प्रभावित हैं। यहां ग्रामीणों की मांग है कि रावघाट परियोजना के अंतर्गत भिलाई स्टील प्लांट द्वारा बिना ग्राम पंचायतों की अनुमति के बाद खनन का कार्य कराया जा रहा है।
भिलाई स्टील प्लांट द्वारा इलाके में खनन का कार्य निजी कंपनी देव माइनिंग को दिया गया है। वहीं ग्रामीणों  की मांग है कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा इलाके का इको डेवलपमेंट किया जाए और प्रभावित गांवों में विकास कार्य और और इलाके के युवा बेरोजगार ग्रामिणो को रोजगार महैया कराया जाए। जिस पर प्रशासन बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीणों की ओर से आज किए गए धरना प्रदर्शन को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजा है, इसमें उन्‍होंने 20 सूत्रीय मांगें रखी हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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