छत्तीसगढ़ विधानसभा : रेडी-टू-ईट के मुद्दे पर सदन में भाजपा विधायकों का हंगामा, निलंबन

रायपुर (छत्तीसगढ़)। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेडी टू ईट को लेकर काफी हंगामा हुआ। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने इसे महिलाओं से काम छीनने वाला बताकर इसकी जांच की मांग की। इस मांग पर मंत्री अनिला भेंड़िया ने दो टूक कहा कि जांच की कोई ज़रूरत ही नही है, सुप्रीम कोर्ट के कहने पर कार्य किया जा रहा है, आपके कहने से जांच नही होगी।
इस बयान पर  विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी, महिला विरोधी नीति के नारे लगाए गए। सभी स्पीकर की डेस्क के करीब पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। गर्भगृह में पहुंचने की वजह से बीजेपी के सभी 13 विधायकों को निलंबित किया गया और सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई, बाद में निलंबन वापस ले लिया गया। इसके बाद फिर से कार्यवाही शुरू हुई। भाजपा विधायकों का आरोप है कि प्रदेश में आंगनबाड़ी में दिए जाने वाले भोजन को अब महिलाओं का समूह नहीं, बल्कि कुछ सेंट्रलाइज्ड एजेंसियां तैयार कर रही हैं। इसका ही विरोध सदन में भाजपा विधायकों ने किया है।

सदन में संसदीय सचिवों के अधिकारों का मामला उठा,  विधानसभा के प्रतिवेदन में फोटो लगाने पर भी विपक्ष ने आपत्ति जताई, भाजपा विधायकों ने इस पर भी हंगामा किया। अजय चंद्राकर ने इसे गलत बताया। जिस पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने अपने जवाब में कहा कि संसदीय सचिव मंत्रियों की सहायता के लिए हैं, फ़ोटो छप गई तो क्या आपत्ति है, कहां लिखा है कि फोटो नहीं छप सकती। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्ति खारिज कर दी।
इसके बाद किसानों को खाद की कमी का मामला भी उठा। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने इस व्यवस्था से जुड़ा सवाल किया। उन्होंने कहा कि अमानक खाद से परेशानी है, यूरिया की कमी भी है। विपक्ष ने इस पर स्थगन प्रस्ताव भी लाया, स्थगन पर बृजमोहन अग्रवाल ने समर्थन दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस की सरकार पर किसानों का शोषण करने का आरोप लगाया, विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की है।