सोनिया गांधी पर टिप्पणी से बवाल: कांग्रेस ने अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया!

नई दिल्ली: संसद में गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस का आरोप है कि अमित शाह ने सोनिया गांधी की छवि को खराब करने के लिए झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाए

क्या कहा था अमित शाह ने?

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आपदा प्रबंधन विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान दावा किया कि “यूपीए शासन के दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) पर एक परिवार का नियंत्रण था,” जबकि पीएम मोदी सरकार में बनाए गए PM CARES फंड की व्यवस्था पारदर्शी है।

शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष कांग्रेस के शासन में बनाया गया था, जबकि पीएम केयर्स फंड एनडीए सरकार के दौरान नरेंद्र मोदी जी ने बनाया। कांग्रेस शासन के दौरान एक ही परिवार इस फंड पर नियंत्रण रखता था। कांग्रेस अध्यक्ष इसका सदस्य था और सरकारी धन पर उसका अधिकार था। इस देश की जनता को क्या जवाब देंगे आप?”

कांग्रेस का पलटवार: “सोनिया गांधी की छवि खराब करने की कोशिश”

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अमित शाह के इस बयान को लेकर कड़ा विरोध जताया और इसे झूठा और मानहानिकारक करार दिया। कांग्रेस ने कहा कि अमित शाह के बयान का उद्देश्य सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना था

कांग्रेस ने अपने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव में कहा, “यह एक स्थापित नियम है कि सदन के किसी सदस्य के खिलाफ झूठे आरोप लगाना विशेषाधिकार का उल्लंघन है। गृह मंत्री ने सोची-समझी साजिश के तहत सोनिया गांधी को बदनाम करने के लिए यह बयान दिया। यह न केवल विशेषाधिकार का उल्लंघन है, बल्कि सदन की अवमानना भी है।”

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव क्या होता है?

विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव एक संसदीय प्रक्रिया है, जिसे तब पेश किया जाता है जब किसी सांसद को लगता है कि संसद के विशेषाधिकारों का उल्लंघन हुआ है

  • यदि लोकसभा में स्पीकर या राज्यसभा में चेयरमैन इसे स्वीकार कर लेते हैं, तो मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपा जाता है।
  • समिति जांच कर रिपोर्ट सौंपती है और दोषी को फटकार या अन्य सजा भी दी जा सकती है
  • किसी मंत्री, सांसद या संस्था के खिलाफ यह प्रस्ताव लाया जा सकता है यदि वे संसद को गुमराह करने, जानकारी छिपाने या संसदीय कार्यवाही में बाधा डालने का दोषी पाए जाते हैं

PM CARES और PMNRF में क्या अंतर है?

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF)PM CARES फंड
1948 में बनाया गया2020 में कोविड संकट के दौरान स्थापित
प्राकृतिक आपदाओं, दंगों और आपातकालीन सहायता के लिएआपदाओं और महामारी प्रबंधन पर केंद्रित
सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्टसरकारी नियंत्रण में स्वतंत्र ट्रस्ट
आरटीआई (RTI) के तहत आता हैRTI के तहत नहीं आता
कॉरपोरेट दान CSR के रूप में मान्य नहींकॉरपोरेट दान CSR में शामिल

निष्कर्ष

कांग्रेस और भाजपा के बीच इस नई राजनीतिक जंग ने संसद में तूफान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने अमित शाह पर सोनिया गांधी को बदनाम करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा का कहना है कि वे तथ्यों को उजागर कर रहे हैं। अब देखना होगा कि राज्यसभा में यह मुद्दा कौन सी नई सियासी दिशा लेता है

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