राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। खैरागढ़ राज घराने में विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद संपत्ति को लेकर उपजा विवाद अब सड़क से निकल कर प्रशासन की दहलीज पर पहुंच गया है। देवव्रत सिंह की दोनों पत्नियों में संपत्ति कब्जें को लेकर जारी विवाद पर रोक लगाने प्रशासन ने हस्तक्षेप किया है। एसडीएम गंडई ने विवादित उदयपुर पैलेस तथा कमल विलास पैलस को विवाद के निपटारे तक कुर्क किए जाने का आदेश जारी किया है।
बता दें कि थाना प्रभारी छुईखदान द्वारा उदयपुर पैलेस, ग्राम उदयपुर, तहसील छुईखदान के सम्बंध में सताक्षी सिंह, उज्जवला सिंह, स्मृति सिंह भार्गव, आकांक्षा सिंह एवं श्रीमती विभा सिंह के मध्य कब्जे के सम्बंध में विवाद की सूचना तथा उक्त विवाद के कारण परिशांति भंग होने की संभावना सम्बंधी इस्तगासा एसडीएम गंडई छुईखदान को दी गयी। जिसके आधार पर एसडीएम द्वारा सीआरपीसी 1973 की सुसंगत धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है एवं कब्जे के सम्बंध में विवाद के विनिश्चय तक पैलेस को कुर्क किया जाकर ग्राम पंचायत उदयपुर को रिसीवर नियुक्त किया गया है।
कमल विलास पैलेस खैरागढ़ के प्रकरण के सम्बंध में कार्रवाई करते हुए एसडीएम खैरागढ़ द्वारा नगर पालिका परिषद खैरागढ़ को रिसीवर नियुक्त किया गया है।
