नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नए साल पर फिलहाल कपड़ा व्यापारियों को राहत दी है लेकिन जूते-चप्पल के कारोबार पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की बढ़ी दरें लागू होंगी। सरकार के इस फैसले के बाद कपड़े महंगे नहीं होंगे लेकिन जूते चप्पल महंगे हो सकते हैं। हालांकि जूते चप्पल पर जीएसटी बढ़ाने का कई राज्यों ने विरोध किया था। दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार को 46वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई। करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद जब राज्यों के मंत्री बाहर निकले तो उनके पास व्यापारियों और लोगों को राहत देने वाली खबर थी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने के विषय पर ही इस बैठक में चर्चा हुई, जूते-चप्पल पर जीएसटी बढ़ाने के मामले पर कोई चर्चा ही नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कपड़े पर जीएसटी बढ़ाने का मामला छोटे कारोबारियों से लेकर उपभोक्ताओं तक को प्रभावित करने वाला है, इसलिए इस पर जीएसटी को लेकर राज्यों के साथ काफी विस्तार से चर्चा हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘सितंबर में जीएसटी बढ़ाने का जब फैसला लिया गया तो ये कोई हमारा अकेले का फैसला नहीं था। सभी के साथ विचार किया गया था लेकिन अब इसे कमेटी के पास भेजा गया है जो फरवरी के अंत या मार्च के पहले सप्ताह में रिपोर्ट देगी फिर बैठक में चर्चा होगी। ‘सरकार के इस फैसले से कपड़े से जुड़े कारोबारियों को कुछ समय के लिए राहत मिल गई है लेकिन जूते-चप्पल के छोटे और मझोले कारोबारी इससे निराश हैं।