शादी का झांसा देकर 16 साल की किशोरी को किया अगवा, युवक को मिली 10 वर्ष कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रेम प्रसंग के चलते 16 साल की किशोरी को साथ भगा ले जाने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया है। प्रकरण में दिलचस्प यह है कि किशोरी ने विचारण के दौरान आरोपी के साथ स्वेच्छा से जाने की बात स्वीकार की थी, इसके बावजूद न्यायालय ने किशोरी के नाबालिग होने की स्थिति के मद्देनजर फैसला सुनाया है। नाबालिग को उसके परिजनों की सहमति के बिना ले जाने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत कुल 16 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया है। साथ ही पीड़ित को प्रतिकर के रुप में 4 लाख रुपए की राशि प्रदान किए जाने का आदेश दिया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।

मामला अंडा थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्र के एक ग्राम की 16 वर्षीय किशोरी 12 फरवरी 2017 की रात घर से अचानक लापता हो गई थी। जिसकी शिकायत परिजनों ने पुलिस में की थी।परिजनों ने पुलिस को बताया कि किशोरी कक्षा 9वीं की छात्रा थी और घर के उपर के कमरे में रात 10 बजे तक रोजाना पढ़ाई करती थी। घटना की रात को किशोरी की मां उसे सोने बुलाने के लिए बुलाने कमरे में गई तो किशोरी लापता थी। काफी पूछताछ करने पर किशोरी के बारे में जानकारी नहीं मिलने पर पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गयी। जिसके आधार पर पुलिस ने लापता की तलाश प्रारंभ की थी। इसी दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि किशोरी को अरूण कुमार जांगडे (21 वर्ष) के साथ देखा गया है। जिसके आधार पर पुलिस ने अरूण के घर में दबिश देकर किशोरी को बरामद किया था। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि वह स्वेच्छा से आरोपी के साथ गई थी और वह युवक से शादी के लिए घर से भागी थी। इस दौरान युवक उसे विभिन्न स्थानों पर ले गया और उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए। पुलिस ने आरोपी अरूण जांगडे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश सरिता दास की अदालत में किया गया। मामले के आरोपी अरूण कुमार जांगडे को नाबालिग का बहला फुसला कर अपहरण करने की धारा 363, 366 के तहत 3-3 वर्ष के कारावास व 500-500 रूपए के अर्थदण्ड तथा पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10 वर्ष कारावास व 500 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।