दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अपने जन्मदिन के अवसर पर पाटन ब्लाक के ग्राम सांकरा में आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों से मिले प्रेम से मैं अभिभूत हूं मुझे छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का अवसर मिला, यह मैं अपना सौभाग्य समझता हूं। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि बार-बार इसी धरती में जन्म लूं। उन्होंने कहा कि इस धरती को प्रणाम करता हूं। छत्तीसगढ़ महतारी के बेटे के रूप में में पूरे प्रदेश की सेवा कर रहा हूं। हमारे पुरखों ने जिस छत्तीसगढ़ का सपना देखा है उसे मूर्त रूप देने की हम कोशिश कर रहे हैं। पाटन की धरती के बारे में उन्होंने कहा कि यह धरती किसान के आंदोलन की धरती है। आजादी की लड़ाई के आंदोलन की धरती है इस धरती को मैं नमन करता हूं। आप सभी से इतना प्रेम मिलता है कि इसके बदले धन्यवाद शब्द बहुत छोटा महसूस होता है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे पुरखे कहते थे कि इस शस्य श्यामला धरती में कोई कमी नहीं, अपने प्रदेश से हम बेरोजगारी, अशिक्षा, भुखमरी जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भले ही बन गया था, लेकिन कहीं से यह महसूस होता था कि जैसा हमारे पुरखों ने सोचा वैसा प्रदेश गढ़ नहीं पाए। इसलिए हमने निश्चय किया कि पुरखों का सपना पूरा करेंगे। हमारी सरकार बनते ही हमने कर्ज में डूबे हुए किसानों के बुझे हुए चेहरे में रौनक लाने की कोशिश की। प्रदेश के सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने का सीधा लाभ व्यापारी वर्ग पर पड़ा है। हम सहकारिता आंदोलन को भी लगातार मजबूत कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी छत्तीसगढ़ी अस्मिता को लेकर हम बेहद सजग हैं। छत्तीसगढ़ गठन के इतने वर्षों बाद पहली बार मुख्यमंत्री निवास में तीजा और हरेली जैसे उत्सव मनाए गए। 18 साल बाद प्रदेश में राजगीत बना। हमारे प्रदेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, उन्हें अवसर उपलब्ध कराने का कार्य प्रमुखता से किया है। हमारे बच्चे हिंदी और छत्तीसगढ़ी जानते हैं लेकिन अंग्रेजी भाषा की वजह से पीछे रह जाते हैं हमने प्रदेश भर में 172 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले। इस तरह से शिक्षा को मजबूत करने के लिए हम प्रमुखता से कार्य कर रहे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को थामने के लिए जिस स्तर पर छत्तीसगढ़ में कार्य हुआ। वह अभूतपूर्व है। शासकीय तंत्र ने युद्ध स्तर पर कोरोना संक्रमण को थामने का कार्य किया। सामाजिक संगठनों, व्यापारियों एवं समाज के सभी वर्गों ने इस दिशा में अपना योगदान दिया और एकजुटता के भाव के साथ हम कोरोना के संक्रमण को थामने में सफल हुए। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हमने स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूती दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के माध्यम से हम ग्रामीण विकास के क्षेत्र में ठोस पहल करने में सफल हुए हैं। जिन नालों के नजदीक ट्रीटमेंट का कार्य हुआ है वहां जल स्तर में काफी वृद्धि हुई है। कंपोस्ट खाद लेने वाले किसानों ने चर्चा में मुझे बताया कि फसल को लेकर वे काफी संतुष्ट हैं। यह तेजी से होने वाला बदलाव है और काफी ठोस है जो छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केक भी काटा और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि मंडल से मिल और उन्हें आशीर्वाद दिया।
