कांग्रेस भवन के पुनर्निर्माण के लिए बेदखली का प्रयास, प्रभावित मुस्लिम परिवारों ने जताया आक्रोश

दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। गवलीपारा में कांग्रेस भवन के निर्माण को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। भवन निर्माण के लिए यहां काबिज परिवारों की बेदखली के प्रयास से विवाद की यह स्थिति निर्मित हुई है। आरोप है कि शहर विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा यह बेदखली का प्रयास किया जा रहा है। प्रभावित परिवार मुस्लिम तेली समुदाय से है। उन्होंने बेदखली से पूर्व उनके व्यवस्थापन और मुआवजे की मांग की है।

बता दें कि गवलीपारा में कांग्रेस के पुराने भवन को तोड़ कर नए राजीव भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस निर्माणाधीन स्थल के करीब तीन मुस्लिम परिवार निवासरत है। इन परिवारों का निवास स्थल भी निर्माणाधीन भवन की जद में आ रहा है। जिसको लेकर इन्हें वहां से अपने निर्माण को यहां से हटाने की हिदायत दी गई है। आरोप है कि विधायक अरुण वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल ने कल बुधवार को निगम अमले के साथ आकर इन्हें अपने कब्जे को दो दिन में हटाए जाने की समझाइश दी थी।
इस समझाइश के बाद परिवार के सिर से छत छिन जाने के भय से इन्होंने इस बेदखली का विरोध प्रारंभ कर दिया है। विरोध करने वालों की मांग है कि पहले उन्हें उचित स्थान पर पक्के मकान में व्यवस्थापन दिया साथ ही मुआवजा भी प्रदान किया जाए। उनका दावा है कि छत्तीसगढ़ का मुस्लिम तेली समाज इस बेदखली के प्रयास के विरोध में उनके साथ है। मौके पर काबिज हाजी मोहम्मद सलीम चौहान, मोहम्मद महमूद चौहान व जहीर चौहान के साथ अमीर तिगाला ने विधायक व महापौर के इस प्रयास का विरोध करते हुए कांग्रेस को इसका परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
हमारे परिवार ने दी थी कांग्रेस भवन बनाने जमीं
प्रभावित परिवार के हाजी मोहम्मद सलीम चौहान ने बताया कि उनका खानदान वर्ष 1910 से यहां काबिज है और 1939 से उनके परदादा हाजी अलाउद्दीन के नाम से यह जमीन एलॉट है। 1961 में पुराने कांग्रेस भवन के निर्माण के लिए हमने अपने लकड़ी टाल को हटाकर जगह दी थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम तेली समाज सदैव से ही स्व. मोतीलाल वोरा व कांग्रेस का साथ देते आ रहा है। इसके बावजूद उनके पुत्र इस प्रकार का भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में यहां काबिज परिवारों को आश्वासन दिया गया थी राजीव भवन निर्माण से उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन अब बेदखली की बात कही जा रही है।