नई दिल्ली। केनरा बैंक से 198 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को शीर्ष अदालत से झटका लगा है। कोर्ट ने यूनिटेक प्रमोटर संजय चंद्रा और अजय चंद्रा की जमानत खारिज की है। शीर्ष अदालत ने सीएमएम कोर्ट और हाईकोर्ट के जमानत के फैसले पर हैरानी जताई और कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट और हाईकोर्ट का आदेश न्यायिक शक्ति का चौंकाने वाला प्रयोग और न्यायिक अनुशासन का उल्लंघन है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रा बंधुओं को 22 मार्च तक सरेंडर करने का आदेश दिया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर 13 जनवरी, 2021 को चंद्रा बन्धुओं को पटियाला हॉउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डॉ. पंकज शर्मा के ज़मानत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल अगस्त में चंद्रा बंधुओं की ज़मनात याचिका को खारिज कर दिया था।
यह है मामला
सीबीआई ने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के संस्थापक रमेश चंद्रा और उनके दो बेटों संजय और अजय चंद्रा के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इन तीनों पर केनरा बैंक से 198 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। बैंक ने पिछले माह दाखिल अपनी शिकायत में बताया था कि यूनिटेक 1971 से ही उसकी ग्राहक है और इस दौरान कई बार उसने कर्ज लिया है, लेकिन हाल ही में उसने कई बार समय पर कर्ज नहीं चुकाकर डिफॉल्ट किया।

