विधिक सेवा प्राधिकरण ने प्रारंभ किया जागरुकता अभियान, वाहन चालकों दी जा रही समझाइश

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में लापरवाह वाहन चालकों को समझाइश देने एक बार फिर से जागरुता अभियान प्रारंभ किया गया है। अभियान के तहत पटेल चौक पर शिविर लगाकर वाहन चालकों से बंध पत्र भरवाया गया और नशे की हालत में वाहन न चलाने चलाने की समझाइश दी गई। अभियान 19 मार्च तक जारी रहेगा। पहले दिन 1040 वाहन चालकों को यातायात नियमों की अनदेखी करने पर उन्हें नियमों की जानकारी दी गई। शिविर में विशेष रुप से उपस्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विजय कुमार साहू वाहन चालकों को समझाइश देते हुए बताया कि नियमों की अनदेखी किए जाने से उन्हें शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानियों का सामना कर पड़ सकता है।

यह अभियान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष व जिला सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन व निर्देशन में प्रारंभ किया गया है। शिविर में न्यायाधीश विजय कुमार साहू ने चालकों को बताया कि बिना बीमा के मोटर यान चलाना अपराध है। यदि बिना बीमा के मोटर यान से किसी की मृत्यु हो जाने पर मृत के दुर्घटना दावा का भुगतान वाहन स्वामी या वाहन चालक द्वारा किया जाता है। यदि वाहन को बिना बीमा के चलवाया जाता है तो चालक के साथ-साथ वाहन स्वामी भी दायित्वाधीन होता है। उन्होंने बताया कि नशा व्यक्ति के साथ साथ समाज में भी बुरा प्रभाव डालता है। मोटर दुर्धटना के अधिकांश मामले नशे के हालत में गाडी चलाने के ही कारण होते है। उन्होंने कहा कि समाज में युवा वर्ग वर्तमान परिस्थिति में नशे की ओर आकर्षित होते हैं। कई जगहों पर अनुचित रूप से हुक्का बार भी चलाये जाते हैं जिसमें युवा वर्ग की भागीदारी ज्यादा रहती है। जो उनके भविष्य को अंधकार में डालती है तथा समाज में उसका बुरा प्रभाव पडता है। परिवार में नशा करने वाले व्यक्ति का परिवार टूटने लगता है तथा बिखर जाता हैं। वाहन चालकों को यह भी जानकारी दिया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति द्वारा वाहन चलाया जाना अपराध है तथा 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति द्वारा बिना अनुज्ञा पत्र के लोक मार्ग पर वाहन चलाना अपराध है। यदि कोई वाहन का स्वामी अपनी वाहन को 18 वर्ष से कम व्यक्ति को चलाने देता है तो चालक के साथ-साथ वाहन स्वामी भी अपराध का भागी होता है। कोई भी वाहन लोक मार्ग पर बिना पंजीयन के नहीं चलाया जा सकता बिना पंजीयन के वाहन चलाना अपराध होता है यदि कोई व्यक्ति वाहन बेचता है तो वाहन बेचे जाने के 15 दिनों के अंदर उक्त वाहन का पंजीयन एवं बीमा का ट्रांसफर करा लेना चाहिए। वाहन के स्वामी को मजिस्ट्रेट के द्वारा यह भी जानकारी दिया गया कि वाहन चलाते समय सुरक्षा मानको का ध्यान रखा जाना चाहिए।