दुर्ग (छत्तीसगढ़)। किसानों से बड़े बड़े वादे करने वाली कांग्रेस सरकार अब किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने में नाकाम साबित हो रही है। इसनाकामी को छुपाने के लिए सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम केन्द्र सरकार के खिलाफ गलत बयानी कर गुमराह कर रहे हैं। यह आरोप यहां संयुक्त पत्रवार्ता में सांसद विजय बघेल व भाजपा जिला संगठन प्रभारी पुरेन्द्र मिश्रा ने लगाया है। उन्होंने बताया कि इसका भाजपा द्वारा पुरजोर विरोध किया जाएगा और किसानों के मुद्दों को लेकर 13 जनवरी के विधानसभा स्तरीय व 22 जनवरी को जिला स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा। जिसके बाद राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। धरना-प्रदर्शन में भाजपा ने बड़ी संख्या में किसानों के शामिल होने का दावा किया है।
पत्रवार्ता में सांसद विजय बघेल विशेष रुप से मुखर रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं पर धान खरीदी को बाधित करने का आरोप बेबुनियाद है। भूपेश बघेल सरकार पर उन्होंने किसानों के साथ वादाखिलाफी, धान खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था व रकबा कटौती करने का आरोप लगाया। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार तमेर, महामंत्री ललित चंद्राकर, पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष रत्नेश चंद्राकर, भाजपा नेता जागेश्वर साहू, देवेन्द्र सिंह चंदेल, रजा खोखर, प्रचार मंत्री राजा महोबिया आदि भी मौजूद थे। जिला भाजपा संगठन प्रभारी पुरेन्द्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के भोले-भाले किसानों को गुमराह कर कांग्रेस राज्य की सत्ता में बैठी है। अब उन्हीं किसानों के साथ छल कर राज्य सरकार द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था का आलम है। किसानों को बारदाने उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। रकबा कटौती जैसी समस्याओं से भी किसानों को जूझना पड़ रहा है जिससे किसानों को आत्महत्या करने पर विवश होना पड़ रहा है। राज्य सरकार का यह रवैय्या किसानों के साथ बड़ा अन्याय है जिसके खिलाफ प्रदेश भाजपा ने विधानसभा स्तरीय व जिला स्तर पर आंदोलन की रुपरेखा तैयार की है। सांसद विजय बघेल ने किसानों की आत्महत्या से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से अब तक प्रदेश में 2 सौ किसानों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं सामने आ चुकी है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार अपने कोटे का धान खरीदने तटस्थ है। राज्य सरकार को धान खरीदी के लिए पहले ही केन्द्र सरकार 9 हजार करोड़ उपलब्ध करवा चुकी है। भाजपा नेताओं पर धान खरीदी को बाधित करने का कांग्रेस द्वारा झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
भाजपा नेता द्वय ने कहा कि किसानों को बारदाना उपलब्ध करवाने का कार्य केन्द्र सरकार का नहीं है। यह कार्य राज्य सरकार का है। राज्य सरकार अपनी खामियां छिपाने केन्द्र सरकार व भाजपा नेताओं पर अर्नगल आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के धान की कीमत का पूरा भुगतान अब तक नहीं किया गया है। वर्तमान में भी 20-20 दिन बीत जाने पर भी किसानों के खातों में एक पैसा नहीं पहुंचा। रमन सिंह सरकार के दौर में अधिकतम चार दिन में और कुछ मामलों में 24 घंटे के अंदर किसान के घर पहुंचने से पहले उसके खाते में राशि पहुंच जाती थी। भूपेश सरकार ने मंडी टैक्स खत्म करने का वादा किया था, लेकिन इसके उलट टैक्स बढ़ा दिया गया है। सबसे बड़ा घोटाला बारदाने के नाम पर हो रहा है। आज हालत यह है कि किसान खुद 30 से 40 रुपए में बारदाना खरीदने को मजबूर हंै। राज्य सरकार धान खरीदने से बचने के लिए तरह.तरह के हथकंडे अपना रही है।