आर्य नगर, 10 अप्रैल 2025 — नवदृष्टि फाउंडेशन के सदस्य और जलाराम स्वीट्स के संचालक जितेंद्र (बंटी) कारिया ने अपने पिता श्री वल्लभ भाई कारिया (78) के निधन के बाद उनका नेत्रदान कर एक प्रेरणादायी मिसाल पेश की। इस नेक कार्य से दो लोगों को नई दृष्टि मिली और समाज को सकारात्मक संदेश भी।
वल्लभ भाई के निधन के बाद उनकी पत्नी श्रीमती चंदा बेन, पुत्र जितेंद्र और सुरेंद्र (पिन्नी), बहुएं फाल्गुनी और वैशाली ने मिलकर नेत्रदान का फैसला लिया और नवदृष्टि फाउंडेशन को सूचित किया। फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य राज आढ़तिया, प्रभु दयाल उजाला, हरमन दुलई समेत कई सदस्य तुरंत आर्य नगर स्थित निवास पहुंचे और नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया संभाली।

शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज से डॉ. उत्कर्ष बंसल और नेत्र प्रभारी विवेक कसार ने मौके पर पहुंचकर सफलतापूर्वक कॉर्निया संग्रह किया। डॉ. बंसल ने कारिया परिवार को इस मानवता भरे निर्णय के लिए साधुवाद दिया।
जितेंद्र कारिया ने कहा, “हम दूसरों को प्रेरित करते हैं, तो इसकी शुरुआत खुद से करनी चाहिए। पिताजी के नेत्र अब दो परिवारों की रोशनी बनेंगे — इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है।”
सुरेंद्र कारिया ने इसे पारिवारिक परंपरा बनाने की बात कही और कहा कि यह उनके पिता की अंतिम इच्छा थी।
नवदृष्टि फाउंडेशन के सभी सदस्यों ने वल्लभ भाई को श्रद्धांजलि अर्पित की और कारिया परिवार को धन्यवाद दिया।
