सौर सिंचाई परियोजना, लिफ्ट इरिगेशन से पहुंचेगा 100 हेक्टेयर में खारुन का पानी

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पाटन विकासखंड के बोरेन्दा गांव किसानों को अब सिंचाई के लिए पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां के किसान बारिश के भरोसे केवल खरीफ की फसल ले पाते थे। किसान चाह कर भी रबी की फसल नहीं ले पा रहे थे। इस समस्या को दूर करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बोरेन्दा में 3 करोड़ 30 लाख की लागत से लिफ्ट इरिगेशन पर आधारित सौर सामुदायिक सिंचाई परियोजना की शुरुआत करवाई है। इससे किसानों को एक नई उम्मीद मिली है। परियोजना से 100 हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा निर्मित हुई है, इस योजना से क्षेत्र के 217 किसानों को फायदा पहुंचेगा। किसान इस साल रबी में गेहूं चना इत्यादि की फसल ले रहे हैं।
बोरेन्दा के सरपंच टुमेश्वर साहू बताते हैं कि नदी के किनारे होने के बाद भी बोरेन्दा के किसान के खेत सूखे रह जाते थे। बोर कराने के बाद भी पानी नहीं निकलता था। इसलिए किसान पाइप लाइन बिछाकर पानी ले जाते थे। 495 नग तक पाइप लग जाते थे। जिस पर किसानों का काफी खर्च हो जाता था।
किसान ईश्वर लाल बताते हैं कि पहले खेतों में पानी पहुंचाने में बड़ी मशक्कत होती थी। कई किसान पाइप लाइन बिछाकर पानी की व्यवस्था की हिम्मत नहीं कर पाते थे। कई बार तो फसल भी ठीक से पक नहीं पाती थी और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता था।
नहीं निकल रहा था बोर से पानी
परियोजना शुरू कराने में बसंत साहू का बहुत बड़ा योगदान है। बसंत साहू पिछले 5 सालों से क्रेडा में तकनीशियन के रूप में काम कर रहे हैं, साथ ही इनकी खुद की भी खेती है। अपने खेतों में बोर खुदवाने के लिए 4 से 5 बार कोशिश कर चुके हैं। लेकिन पानी नहीं मिलता। एक बोर खुदवाने में कम से कम 30 से 35 हजार खर्च होते हैं।
अब दलहन तिलहन की खेती
बोरेन्दा के किसान खोरबाहरा यादव बताते हैं पहले बड़ी मुश्किल से अपने खेतों में धान की फसल ले पाते थे। खोरबाहरा यादव ने छत्तीसगढिय़ा अंदाज में बताया कि पहिली खरीफ म धान लुवन अलवा जलवा अउ रबी में जमीन रहय सुक्खा, अब मोटर पम्प लग गए हे त पानी मिलही दलहन तिलहन बोवत हन अब हमर जमीन खालीच नइ रहय।
आठ माह में तैयार हुआ सेटअप
क्रेडा के एई टीआर ध्रुव ने बताया कि लिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से खारुन का पानी 217 किसानों के खेतों में पहुंचेगा। 3 एकड़ में 100 किलोवाट की परियोजना बनी है। 320 सोलर पैनल लगाए गए हैं। 8 महीनों में पूरा सेटअप तैयार किया गया है। नदी से पानी खींचने के लिए 20-20 हॉर्स पावर के 5 पंप लगाए गए हैं। इसके बाद 100 हेक्टेयर में अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाकर 217 किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया गया है।