दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नागपुर की कंपनी मेमर्स राइट वॉटर सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का फर्जी खाता खुलवाकर शासकीय संस्थाओं के साथ से धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस द्वारा कंपनी के सुपरवाइज को गिरफ्त में लिया गया है। आरोपी ने जिला केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग में अपने फर्जी खाता खुलवा लिया था। इस खाता में कंपनी का वाटर एटीएम लगाए जाने के लिए विभिन्न नगर पंचायतों से मिली रकम को अपने नाम से जमा कर रहा था। जिसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 420, 406, 408 के तहत कार्रवाई की है।
शिक्षक नगर दुर्ग निवासी आरोपी राघवेंद्र तिवारी नागपुर कू कंपनी राइट वाटर सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में सुपरवाइजर था। कंपनी के वाटर एटीएम नगर पंचायतों से सहित विभिन्न शासकीय संस्थाओं में लगाने के नाम पर राघवेन्द्र रकम चेक के माध्यम से प्राप्त करता था। इन चेक को वह जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में खुलवाए गए फर्जी खाता में जमा करता था। जिसके बाद रकम को कोटक महेन्द्रा बैंक में स्वयं के नाम से संचालित खाता में स्थानांतरित कर देता था। जिसकी जानकारी होने पर कंपनी के क्षेत्रीय मैनेजर राजेश श्रीवास्तव ने पुलिस में शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच का जिम्मा सीएसपी विवेक शुक्ला द्वारा एसआई प्रमोद श्रीवास्तव को दिया गया। जांच में रकम की हेराफेरी किए जाने का खुलासा होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
इन संस्थाओं से वसूली थी रकम
जांच में खुलासा गुआ कि आरोपी द्वारा छत्तीसगढ़ की विभिन्न नगर पंचतायतों से 8 लाख 4 हजार 590 की रकम वसूल कर हड़प की गई है। आरोपी ने नगर पंचायत चारामा से 3 लाख 49 हजार 643 रुपए, नगर पंचायत बारसूर से 7 लाख 26 हजार 750, नगर पंचायत पुसौर से 77 हजार 864 रुपए, इस तरह कुल 11 लाख 54 हजार 257 रुपये आहरण किया था। शिकायत होने के भय से चारामा से प्राप्त धनराशि 3 लाख 49 हजार 667 रुपया को वापस कर दिया।