रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीगसढ़ राज्य की सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से परियोजनाओं के कमांड एरिया के अंतिम छोर तक सिंचाई के लिए जलापूर्ति सुनिश्चित करने की पहल शुरू कर दी गई है। इसके लिए सिंचाई मंत्री रविन्द्र चौबे के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई नहरों की मरम्मत एवं साफ-सफाई की कार्ययोजना तैयार कर उसे अमली रूप प्रदान करने की शुरूआत दुर्ग जिले से की जा रही है। दुर्ग जिले की लगभग 9 सिंचाई नहरों की मरम्मत एवं साफ-सफाई का कार्य मनरेगा से कराए जाने के लिए जल संसाधन विभाग को 2 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है।
इससे दुर्ग जिले में सिंचाई का रकबा और फसल उत्पादकता में वृद्धि होने के साथ ही जरूरतमंद ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। सिंचाई रकबा बढ़ाने के लिए टूटी-फूटी नहरों का जीर्णोद्धार के साथ ही उनमें जीम गाद एवं उगी झाड़ियों की साफ-सफाई बेहद जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए दुर्ग जिले में विशेष पहल की गई है, ताकि नहरों से सिंचाई के लिए अंतिम छोर के गांव तक निर्बाध रूप से जलापूर्ति हो सके।
इन नहरों की होगी मरम्मत
दुर्ग जिले में मनरेगा से मटिया माइनर नहर, बेलौदी माइनर नहर तथा भाताखार माइनर नहर की मरम्मत तथा सिपकोना शाखा नहर में गाद के हटाने तथा तटबधों के सुदृढ़ीकरण सहित तुलसी माइनर, सिकोला माइनर, पाटन माइनर, देवा माइनर एवं सावनी माइनर का जीर्णोद्धार कराया जाएगा।