दुर्ग (छत्तीसगढ़)। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ तथा कृषि उपजों की न्यूनतम गारंटी मूल्य की मांग को लेकर शहर के मिनीमाता चौक पर एक घंटे का चक्काजाम किया गयाा। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में आयोजित इस चक्काजाम में दुर्ग और बालोद जिले के किसान भारी संख्या में शामिल हुए। प्रदर्शन में महिला किसानों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। संगठन ने छत्तीसगढ़ में किसानों से 20 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदी किए जाने की मांग भी की है। प्रदर्शन में शामिल नाराज किसानों ने केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
संगठन के महासचिव झबेंद्र भूषण वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपजों की खरीद की गारंटी नहीं दिया। साथ ही स्वामीनाथन आयोग अनुसंशा सी 2 लागत पर 50% लाभ जोड़कर एमएसपी घोषित करने का चुनावी वायदा पूरा नहीं किया है। उन्होंने न्यूनतम मूल्य की गारंटी के बीना कृषि अध्यादेश को ढकोशला बताया।
प्रदर्शन में किसान राज्य की भुपेश सरकार से भी बहुत खफा दिखे। किसानों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर सरकार खरीदी में देरी कर रही। उन्होंने 20 क्विंटल धान प्रतिएकड़ तत्काल खरीदी चालू करने का मांग का नारा बुलंद किये। किसानों ने राज्य सरकार को घोषणा पत्र का याद दिलाई जिसमें चना गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदी एवं दो साल का बकाया बोनस शामिल है। साथ ही न्याय योजना में सभी किसानों को 10000 रुपये प्रति एकड़ एकमुश्त देकर किसानों के साथ न्याय करने का मांग की गई। पुलिस प्रसाशन ने आम लोगों को हो रही दिक्कतों का हवाला देकर चक्का जाम खत्म करने का आग्रह करते रहे फिर भी किसान लगभग एक घंटा चक्का जाम के बाद आम लोगों को हो रही परेशानी को देखकर मानें।
आज के प्रदर्शन में आई के वर्मा, राजकुमार गुप्ता, झबेंद्र भूषण वैष्णव, के साथ दुर्ग जिला से उत्तम चंद्राकर, के नेतृत्व में बालोद जिला से हुकुमऔर लाल साहू घनश्याम चन्द्राकर बड़कु राम के नेतृत्व में महिला किसान राजेश्वरी देशमुख,भानाबाई के नेतृत्व में पाटन से ताम्रध्वज साहू और पुष्कर चंद्राकर, अमित हिरवानी, विश्राम यादव , पूरन लाल साहू , थानू राम आदि सैकड़ो किसान शामिल थे।