दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के बैनर तले 5 नवंबर मिनी माता चौक दुर्ग में चक्का जाम आंदोलन का आव्हान किया गया है। इस आंदोलन को सफल बनाने गांव गांव में किसानों की बैईठका आयोजन किया जा रहा है। जिसमें किसान केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसानों की हितों की अनदेखी किए जाने के प्रति खुल कर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
मंगलवार को गांवों में जारी किसान चौपाल के क्रम में ग्राम दमोदा के किसानों नें भाग लिया। उन्होंने संगठन द्वारा 5 नवंबर के आंदोलन को समर्थन दिया। किसानों में इस बात की नाराजगी है कि जब सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नही दे सकती तो अध्यादेश का नौटंकी क्यों कर रही है। अच्छा ये होता कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के जगह में सरकार न्यूनतम गारंटी मूल्य घोषित करती । समर्थन मूल्य तय करने के केन्द्र सरकार का फार्मुला जिसमें लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर किसानों को फसलों का मूल्य देने की बात हो रही है। किसानों की नजर में यह किसानों के साथ सिर्फ़ धोखा है। मोदी सरकार स्वामिनाथन के C2 पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर न्यूनतम गारंटी मूल्य घोषित कर वादा निभाये।
संगठन की ओर से उपस्थित महासचिव झबेंद्र भूषण वैष्णव नें मांगो से संबंधित राज्य के मुद्दे पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस वर्ष केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ राज्य से 16.5लाख मिट्रिक टन चावल अतिरिक्त ले रही है। जिसके लिए 25 लाख मिट्रिक टन धान की सरकार को अतिरिक्त जरुरत होगी। जिसका फायदा किसानों को मिलनी चाहिए। अत: प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी हो। खरीदी व्यवस्था हो जाने के बाद भी खरीद में देरी न करते हुए जल्द धान खरीदी राज्य सरकार को करनी चाहिए जिससे सुखत एवं रखरखाव के नुकसान से किसानों को बचाया जा सके। उत्तम चंद्राकर ने न्याय योजना में सभी किसानों को शामिल कर 10000रूपये प्रति एकड़ आदान सहायता एकमुश्त जुन महिने तक की। उन्होंने चना गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग रखी। ब्लाक अध्यक्ष परमानंद यादव ने किसानों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की।बैठक में नेतराम देशमुख, लोकेश साहु, मिथलेश साहु, शिवेन्द्र पाल, तोरन साहु, ऋषि पटेल, बरातु साहु, अंगद पटेल, अश्वनी, कोमल पाण्डेय आदि शामिल थे।