दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोरोना के संक्रमण काल में भी नवदृष्टि फाउंडेशन जनहित के मिशन को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रही है। संस्था के संस्थापक राज आढ़तिया ने बताया की करोना संक्रमण काल में मनाही के चलते नेत्र विभाग व मेडिकल कॉलेजों व्दारा नेत्रदान व देहदान नहीं स्वीकारे जा रहे थे, लेकिन इस दौरान भी संस्था ने लोगों को प्रेरित कर नेत्रदान व देहदान के संकल्प पत्र भरवाया। इस क्रम में गंजपारा की 74 साल की मिथिला देवी गांधी ने मंगलवार को मृत्युपरांत देहदान करने की इच्छा व्यक्त करते हुए परिजनों के सामने देहदान का संकल्प पत्र भरा व नवदृष्टि फाउंडेशन के पदाधिकारियों को सौंपा।
नवदृष्टि फाउंडेशन के रितेश जैन व मुकेश राठी से देहदान जैसी मानव कल्याणकारी सेवाभावी कार्य की विस्तृत जानकारी मिथिला देवी को हुई तो उन्होंने स्वप्रेरणा से देहदान की इच्छा प्रकट की। नवदृष्टि फाउंडेशन की 5 सदस्यीय टीम मुकेश राठी के नेतृत्व में मिथिला के गंजपारा निवास पहुंचा और प्रक्रिया की जानकारी दी। राज आड़तिया, सत्येंद्र राजपूत, मुकेश राठी, रितेश जैन, चेतन जैन व हरमन दुलाई ने देहदान का संकल्प पत्र भरवाया। बता दें कि मिथिला गांधी की दोनों बिटीया राजनांदगांव में निवासरत है, उनसे मौके पर ही राज आड़तिया ने टेलीफोन पर चर्चा की व देहदान व नेत्रदान से संबंधित सभी तरह की जानकारी दी व भ्रांतियों का भी निवारण किया। दोनों बेटिया ने अपनी माता को देहदान करने सहमति दी। संस्था की ओर से गांधी परिवार को प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया गया।