दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नेहरू नगर स्थित पल्स हॉस्पिटल द्वारा कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मरीज को उपचार के लिए भर्ती नहीं किया जाना भारी पड़ा है। इस लापरवाही के लिए हॉस्पिटल के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
मामले के अनुसार पल्स हॉस्पिटल द्वारा एक 9 वर्षीय बच्ची का कोरोना वायरस कोविड- 19 रिपोर्ट नेगेटिव होने के बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा भर्ती नहीं किया गया। साथ ही जिला प्रशासन को भी इसकी जानकारी नहीं दी गयी और साथ ही जांच दल को गुमराह करने की कोशिश की। जिसके कारण जांच अधिकारी द्वारा संबंधित चिकित्सकों तथा अस्पताल संचालक को नर्सिंग होम एक्ट का प्रथम बार उलंघन करने पर 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश जारी किया गया है।
बता दें कि नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत् बनाए गए अधिनियम के अनुसार प्रावधानों का उल्लंघन करते पाए जाने पर 20 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने का प्रावधान है। अस्पताल प्रबंधन एवं वहां कार्यरत चिकित्सकों द्वारा मरीजों से अथवा मरीजों के परिजनों से शासन द्वारा कोविड-19 हेतु निर्धारित उपचार आदेशों और निर्देशों मापदंड के अनुरूप उपचार करने के लिए प्रबंधन जवाबदेही तथा व्यवस्था में सुधार करेगा अन्यथा भविष्य में संस्था के विरुद्ध शिकायत पाये जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य नर्सिंग होम एक्ट 2013 में बने प्रावधान के अनुरूप दंड शुल्क, लाइसेंस निरस्तीकरण, लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करना, अस्पताल सीलबंद एवं चिकित्सकों का पंजीयन निरस्त जैसी कार्यवाही की जाएगी।