नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने किसानों से संबंधित विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रवक्ताओं पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी प्रवक्ताओं ने कांग्रेस के 2019 के घोषणापत्र को गलत इरादे से तोड़ मरोड़ कर, पेश कर रही है। किसानों से संबंधित बिलों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। वहीं, किसान भी इन विधेयकों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
चिदंबरम ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि मोदी सरकार द्वारा जो कानून पारित करने की कोशिश की जा रही है, वो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के सिद्धांत और सार्वजनिक खरीद प्रणाली को बर्बाद कर देगा।
आपकों बता दें कि पिछले साल आम चुनाव से पहले कांग्रेस ने कृषि कानूनों में बदलाव का सुझाव दिया था, जिसे कृषि बाजार उत्पादन समिति (एपीएमसी) अधिनियम को खत्म करने के रूप में देखा जा रहा था। भाजपा अपने बचाव के लिए इसी का सहारा ले रही है।
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि हमने यह स्पष्ट किया था कि एपीएमसी अधिनियन को समाप्त करने से पहले किसानों के लिए कई कृषि बाजार बनाए जाएंगे ताकि किसान अपनी फसल आसानी से बेच सकें।
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और भाजपा के प्रवक्ताओं ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण रूप से कांग्रेस के घोषणा तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को कई ऐसे बाजारों की जरूरत है, जहां वे आसानी से पहुंचे सकें और अपनी फसल को खुलकर बेच सकें। कांग्रेस के प्रस्ताव में किसानों के लिए यही कहा गया था।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि हमने अपने घोषणा पत्र में यह वादा भी किया था कि कृषि उत्पादक कंपनियों, संगठनों को प्रोत्साहित करेंगे ताकि किसानों की लागत, प्रौद्योगिकी और बाजार तक पहुंच हो सके। हमने यह भी कहा था कि उचित बुनियादी ढांचे तथा बड़े गांवों एवं छोटे कस्बों में सहयोग से कृषि बाजार स्थापित किए जाएंगे ताकि किसान अपनी उपज ला सकें और खुलकर बेच सकें। यह काम पूरा होने के बाद, एपीएमसी कानूनों को बदला जा सकता है।