भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद ही इस पूर्व फुटबाल खिलाड़ी ने की राजनीति से तौबा

कोलकाता। भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद ही भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व खिलाड़ी मेहताब हुसैन ने राजनीति से तौबा कर ली। बुधवार को उन्होंने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं। मेहता हुसैन के फैसला बदले जाने के इस कदम के लिए भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस की धमकियों से भयभीत होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।
भाजपा नेता सयांतन बसु ने कहा कि यह टीएमसी की डराने और धमकाने की राजनीति का नतीजा है। हमनें यह चीजें पहले भी देखी हैं, लेकिन तृणमूल जितना इन हथकंडों को अपनाएगी, उतना ही जनता में समर्थन खोती जाएगी। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि ऐसी घटनाएं पश्चिम बंगाल में ‘कानूनविहीन स्थिति’ को दर्शाती हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी ने इन आरोपों को निराधार बता खारिज किया है।
आपको बता दें कि कोलकाता मैदान में ‘मिडफील्ड जनरल’ के नाम से मशहूर है। उन्होंने राजनीति छोड़ने के फैसले को व्यक्तिगत बताया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल में शामिल होने के अचानक लिए गए फैसले से अपने परिवार और शुभचिंतकों को हुई पीड़ा से व्यथित हैं। ईस्ट बंगाल के पूर्व कप्तान को भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा मंगलवार को मुरलीधर सेन लेन स्थित दफ्तर में भारत माता की जय के नारों के बीच भाजपा का झंडा थमाया गया था।
हुसैन ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि आज से मैं किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं। मैं अपने इस फैसले के लिये सभी शुभचिंतकों से माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा, यह फैसला लेने के लिये किसी ने भी उन पर मुझ पर दबाव नहीं डाला है। राजनीति से दूर रहने का फैसला पूरी तरह से मेरा व्यक्तिगत फैसला है। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आए थे, क्योंकि वह और लोगों से जुड़ना चाहते थे। इस मुश्किल वक्त में, मैं अपने लोगों के साथ रहना चाहता था। उन मजबूर चेहरों ने मेरी नींद ले ली है, इसलिये मैंने अचानक राजनीति का रुख कर लिया, लेकिन मैं राजनीति में आकर जिन लोगों की सेवा करना चाहता था, उन लोगों ने कहा कि मुझे राजनीति से नहीं जुड़ना चाहिए। वे मुझे राजनीतिज्ञ के तौर पर नहीं देखना चाहते थे।

You cannot copy content of this page