मुख्यमंत्री ने किया मातृछाया पथ वृक्षारोपण का लोकार्पण, कहा प्रकृति को सहेज कर विकास की और बढ़ा रहे कदम

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हम ऐसी योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं जिनके माध्यम से प्रकृति के संरक्षण के साथ ही लोगों के आर्थिक बेहतरी का रास्ता भी खुलता है। मुख्यमंत्री मातृछाया पथ वृक्षारोपण के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने बेल और कृष्ण वट पौधे को रोपा। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग जिले में वन होम, वन ट्री अभियान चलाया गया था। इसमें भी लोगों ने बहुत उत्साह से हिस्सा लेकर अपने घरों में पौधे लगाए। प्रकृति को सहेजने लोग इतने उत्साह से आगे आते हैं तो इस दिशा में अच्छा कार्य करने का हमारा उत्साह दोगुना हो जाता है।
आपको बता दें कि इस योजना अंतर्गत 44 किमी रास्तों में चौवालीस हजार पौधे प्रमुख सड़कों पर रोपे गए हैं। इसमें खूबसूरत बात यह है कि इनमें केवल एक तरह के पौधे नहीं है जो आम तौर पर सड़क किनारे वृक्षारोपण में किये जाते हैं और पूरे माहौल में एकरसता सी आ जाती है। इसमें सत्रह प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं। इनमें बरगद और पीपल जैसे विशाल पेड़ों के पौधे रोपे गए हैं जो दीर्घजीवी होते हैं और ढेर सारा आक्सीजन भी देते हैं और भारतीय परंपरा में जिनका विशेष महत्व है। इसके साथ ही आम, जामुन और इमली जैसे पेड़ों के पौधे लगाए गए हैं। यह फलदार पौधे छायादार और पथिकों के लिए भी उपयोगी होंगे। अर्जुन जैसा मेडिसिनल प्लांट भी लगाया गया है और हर्रा, बहेड़ा तथा आंवला जैसे मेडिसिनल प्लांट भी लगाए गए हैं।
इन रास्तों में हुआ पौधरोपण
मड़ियापार से हिर्री, अमलेश्वर से झीट, पाटन सिकोला तुलसी मार्ग, भिलाई 3 से तर्रा, खुड़मुड़ी-झीट-मोतीपुर, पाटन-रानीतराई-जामगांव आर, सेलूद जामगांव आर, गाड़ाडीह से फुण्डा, बोरसी से उतई, मोतीपुर-जामगांव-लोहरसी, खर्रा से बरबसपुर, पाटन-मोतीपुर मुख्य मार्ग से सिपकोन्हा, बीजाभाठ से सुरपा, पाटन-मोतीपुर मुख्य मार्ग से ठकुराइनटोला, फुण्डा नहर से अरसनारा, सिकोला से सोनपुर, गुढ़ियारी से कानाकोट, दुर्ग-राजनांदगांव महमरा मुख्य मार्ग, रवेली से राखी और मानिकचैरी से गोड़पेण्ड्री।