दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बायो गैस प्लांट लगाने के लिए भिलाई नगर निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल अथॉरिटी और भारत पेट्रोलियम (BPCL) के बीच त्रिपक्षीय रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह प्लांट SATAT योजना के तहत जामुल में 60 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाएगा। प्लांट नगर निगम के ठोस कचरे से बायोफ्यूल उत्पादन को बढ़ावा देगा, जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
अधिकारियों के अनुसार, इस प्लांट से प्रतिदिन लगभग 150 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट का उपयोग जैव ईंधन (कंप्रेस्ड बायो गैस – सीबीजी) के उत्पादन में किया जाएगा। भिलाई नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी अजय शुक्ला ने बताया कि प्लांट के पूर्ण रूप से कार्यशील होने पर हर साल लगभग 1 करोड़ रुपये का जीएसटी प्राप्त होगा। इसके साथ ही जैविक खाद के रूप में सह-उत्पाद प्राप्त होगा, जिससे जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्लांट की स्थापना से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी और प्रदेश ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। सीबीजी के उपयोग से राज्य नेट जीरो उत्सर्जन की ओर अग्रसर होगा। शुक्ला ने बताया कि इस परियोजना से बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस समझौते के तहत बीपीसीएल द्वारा 100% निवेश के साथ प्लांट की स्थापना की जाएगी।