भिलाई के हरि देवांता सुपर स्पेश्लिटी हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लिए किए गए निवेश की रकम को वापस नहीं किए जाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा हॉस्पिटल प्रबंधक के खिलाफ आदेश पारित किया गया है। फोरम ने प्रोजेक्ट के लिए निवेश कराई गई रकम को ब्याज के साथ वापस करने तथा इससे हुई मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति के लिए 20 हजार रु. का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। देवांता सुपर स्पेश्लिटी हॉस्पिटल के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में यह वाद बोरसी निवासी प्रवीण कुमार साहू द्वारा दाखिल किया गया था। वाद में बताया गया था कि हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के लिए 1 लाख 50 हजार रु. का निवेश 7 फरवरी 2014 को किया गया था। 2 प्रतिशत ब्याज 36 माह दिए जाने का प्रमाण पत्र हॉस्पिटल प्रोपराइटर द्वारा प्रदान किया गया था। जिसकी अवधि 6 फरवरी 2017 तक थी। निवेश की गई रकम पर दिसंबर 2016 तक 2 प्रतिशत ब्याज प्रदान किया गया, जिसके बाद न तो मूल राशि वापस की गई और नहीं ब्याज प्रदान किया गया। मूल रकम व बकाया ब्याज की रकम के लिए प्रबंधन को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा गया। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं होने पर प्रकरण को जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा नियत अवधि बाद निवेश की गई रकम को वापस नहीं करने को सेवा में कमी तथा व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में माना। फरोम ने हॉस्पिटल प्रोपराइटर को एक माह की अवधि में निवेश की गई रकम 1 लाख 50 हजार रु. बकाया ब्याज राशि 12 हजार रु. को वाद प्रस्तुति दिनांक से 6 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही इससे हुई मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के रुप में 20 हजार रु. व वाद व्यय की राशि 1 हजार रु. का भुगतान करने का निर्देश दिया है।