दुर्ग (छत्तीसगढ़)। खाली जमीन पर मोबाइल टावर लगाए जाने का झांसा देकर लोगों से मोटी रकम ऐंठे जाने के मामले का खुलासा करने में दुर्ग पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना से इस ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले इस गिरोह को अपनी गिरफ्त में लिया है। इस गिरोह के मास्टर मांइड युवक के साथ ठगी को अंजाम देने वाली तीन युवतियां पुलिस के हत्थे चढ़ी है। इनसे 44 नग मोबाईल, 22 नग डायरी, बैंकिंग दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसके अलावा रायगढ़ की पुसौर पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर एक बुलेट मोटर साइकिल भी बरामद की है।
आरोपी कोलकाता में संचालित काल सेंटर के माध्यम से लोगों को फोन लगाकर उसके खेत में एयरटेल कंपनी का मोबाईल टावर लगाने का झांसा देते थे। जमीन मालिक को बताया जाता था टावर लगाए जाने की अनुमति दिए जाने पर में कंपनी द्वारा एडवांस में 15 लाख रूपया दिया जायेगा और टावर लगने के बाद आपको प्रति माह 20 हजार रूपये का भुगतान नियमित किया जाएगा। जिसके बाद ठगी का खेल चालू होता था। खेत मालिक से प्रोसेसिंग के नाम पर किश्तों में मोटी रकम वसूल कर ली जाती थी। यह रकम गिरोह सदस्यों के बैंक खातों में आनलाइन प्रोसेस के माध्यम से जमा कराई जाती थी।

इसी प्रकार की ठगी की शिकायत पाटन थाना में दर्ज कराई गई थी। पाटन थाना क्षेत्र के तेजेन्द्र चकघर ने इस गिरोह द्वारा टावर लगाने के नाम पर 59, 460 रू की ठगी किये जाने की जानकारी शिकायत में दी थी। पुलिस पड़ताल में सामने आया कि आरोपीयों द्वारा मोबाईल नंबर 9477122319, 9073850137, 9593522494, 8617776775 का प्रयोग कर एसबीआई, एचडीएफसी, केनरा बैंक ऑफ बड़ौदा मे रकम ट्रांसफर कराई गई है। आरोपियों ने छत्तीसगढ़ के कर्वधा जिला में एक व्यक्ति से 21 लाख रूपये, धमतरी जिला से 03 लाख 36 हजार रू., धमधा दुर्ग क्षेत्र से 90 हजार रू., सिवनी मध्य प्रदेश से 38460 रू. की ठगी किए जाने की जानकारी भी सामने आई।
पुलिस ने अपने सूचना तंत्र को सक्रिय किया और तकनीकी पड़ताल के माध्यम से आरोपियों को लोकेशन हासिल कर उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया। पूछताछ में गिरोह के मास्टर माइंड बरूण सिंह उर्फ मयंक सिंह (39 वर्ष) ने बताया कि वह इंटर तक की पढाई कर ग्राफिक डिजायनर का काम करता था।वर्ष 2008 में सिक्यूरिटी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में वर्ष 2017 तक ग्राफिक डिजायनर का काम किया। इसके बाद सिक्यूरिटी प्राईवेट लिमिटेड का काम छोड़ कर कुछ दिन ऐवर फेस मार्केटिंग प्राइवेट कंपनी के आड़ में टावर लगाने के नाम पर चल रहे ठगी कार्य में काम किया तथा इसके बाद विनायक इन्फोटेक कंपनी और मंडल इन्टरप्राईजेस में भी कुछ दिन जुड़कर ठगी कार्य सीखा। पूरी तरह से कार्य सीखने बाद वर्ष 2018 में स्वय ठगी कार्य शुरू कर दिया। वर्ष 2021 में सुभाष नगर में सुपर मार्केट के पास कोलकाता में मकान किराये पर लेकर एयरटेल कंपनी का टावर लगाने के नाम पर काल सेंटर और ऑफिस का संचालन प्रारंभ किया।
कॉल सेंटर में स्नेह पाल, आसिमा राय, दीपिका महल को ठगी काम करने के लिये रखा था। इन्हें फोन पर किस प्रकार लोगों को ठगी करना है एवं किस प्रकार बात करना है किस प्रकार उन लोगों को झांसे में लेना है क्या क्या दस्तावेज मंगाना है कामर्शियल चार्ज एन.ओ.सी चार्ज. जी. एस. टी. चार्ज एवं अन्य चार्जेस के बारे मे प्रशिक्षण दिया गया था। काल सेंटर मे काम करने वाले सभी का पर्सनल मोबाइल नंबरों का टअप ग्रुप राधे राधे नाम से बनाया था जिसमें काल सेंटर में आने जाने किये गये कार्य के बारे में जानकारी देता था। काल सेंटर में मोबाईल नंबर 8902251001 में वाटसअप चलाकर ग्राहकों से दस्तावेज मंगाते थे यह मोबाईल दीपिका मंडल को दिया गया था। कर्मचारियों द्वारा निजग्राहको को फंसाया जाता था और उनसे कमर्शियल चार्ज के नाम पर 10260, 10360, 10460 रूपये भेजने को कहते थे इसके बाद ग्राहको से पूरी जानकारी लेकर टावर कंपनी के अधिकारी के रूप में वरूण सिंह ग्राहकों से बात करता था और एनओसी चार्जेस के लिये 17200 रूपये बैंकिंग चार्ज के लिये 72000 रूपये तथा बीमा के लिये 32000 रूपये लगना बोल कर ठगी करता था। इसके बाद में लैपटाप से टावर का एनओसी फॉर्मेट निकालकर भेजकर पुनः पैसा की मांग करते थे रकम भेजने के लिये ग्राहकों को मैनेजर दीपिका मंडल तथा आसमा राय के बैंक के खाता को दिया जाता था।
पुलिस ने बरुण सिंह उर्फ मयंक सिंह (39 वर्ष) निवासी बुकानेकला थाना पटाही जिला पूर्वी चंपारण मोतीहारी बिहार, आसिमा राय (30 वर्ष) साकिन दत्तारोड बागपारा अपोलो हास्पिटल के सामने थाना विधान नगर सीसी ब्लाक जिला नार्थ 24 परगना, दीपिका मण्डल (26 वर्ष) साकिन दत्ताबाद रोड साल्टलेक कोलकाता थाना विधान नगर कोलकाता, तथा स्नेहा पाल (25 वर्ष) निवासी रामलाल आगरवाला लेन मेघदुत अपार्टमेंट के सामने घोषवारा थाना बडानगर कोलकाता के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की है।
