नई दिल्ली। सीबीएसई ने बची हुई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होने वाली 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट में बोर्ड की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन विषयों की परीक्षा नहीं हुई है उसके लिए योजना तैयार की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने आईसीएसई द्वारा आयोजित परीक्षा भी रद्द करने का आदेश दिया है। आईसीएसई ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि हम परीक्षा रद्द करने के लिए सहमत हैं। महाराष्ट्र राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि वे परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते।इसलिए अब आईसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है। इसमें आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली का पालन होगा। हालांकि आईसीएसई ने बाद में परीक्षा देने का विकल्प नहीं रखा है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को आदेश पारित करना चाहिए कि इस मामले के बारे में मामला शीर्ष अदालत में आना चाहिए न कि हाईकोर्ट में।
आपको बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के चलते मार्च में सीबीएसई और आईसीएसई समेत कई स्टेट बोर्ड के भी कुछ पेपर बाकी रह गए थे। कुछ स्टेट बोर्ड ने बिना परीक्षा के ही बच्चों को पास कर दिया, जबकि सीबीएसई ने जुलाई में बचे हुए पेपर कराने का फैसला किया। सीबीएसई ने बचे हुए पेपर 1 से 15 जुलाई के बीच कराने के लिए कहा था।
सीबीएसई के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई और एग्जाम रद्द कराने की मांग की गई। पैरेंट्स की इस याचिका में कहा गया था कि कोरोनावायरस का खतरा हर तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में एग्जाम होने पर बच्चों की सुरक्षा खतरे में है. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सीबीएसई के फैसले को रद्द किया जाए।
आईसीएसई की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहा है। बुधवार को इस मसले पर महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट में बताया कि कोरोनावायरस की स्थिति के मद्देनजर जुलाई में 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं कराने की परमिशन नहीं दी जा सकती है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि कोरोनावायरस से पनपे हालातों के मद्देनजर राज्य सरकार आईसीएसई बोर्ड को 2 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति नहीं दे सकती है।