बाल अधिकारों के संरक्षण के प्रति राज्य सरकार सजग- प्रभा दुबे

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्थापना दिवस पर आज वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आयोग द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में बाल अधिकारों के संरक्षण में आने वाली चुनौतियों का समाधान और बच्चों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने कहा कि राज्य सरकार बाल अधिकारों के संक्षरण के प्रति सजग है। राज्य सरकार द्वारा कोविड 19 के संक्रमण से बच्चों को बचाने तथा अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों के बच्चों को संक्रमण से बचाते हुए भोजन, आवास, चरण पादुका उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें गन्तब्य तक पहुंचाने के लिए आवागमन के साधन भी मुहैय्या कराया गया। दुबे ने बच्चों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयासों को सर्वप्रमुखता से अपनाने की अपील की है।
छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने कहा कि आयोग की भूमिका सकारात्मक है। बच्चों के अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में सामने आ रही सभी चुनौतियों को राज्य शासन के समक्ष चर्चा कर समाधान किया जाएगा। उन्होंने आयोग के द्वारा शुरू किए गए नवीन कार्यक्रमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आयोग ने पिछले वर्षों में बाल संरक्षण के विषयों पर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। आयोग की इस उपलब्धि में सरकार व शासकीय अमले का बडा़ योगदान है। उन्होंने कोविड 19 के संक्रमण से बच्चों को बचाने तथा आगन्तुक श्रमिको के बच्चों को संक्रमण से बचाते हुए विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयासों को सर्वप्रमुखता से अपनाने की अपील की। आयोग के सचिव प्रतीक खरे ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में आ रही नवीन चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। पॉक्सो एक्ट के संदर्भ में भी चर्चा की गई। जिलों से उपस्थित संस्थाओं के अधीक्षकों ने व्यवहारिक कठिनाइयों की ओर ध्यान आकर्षित किया। प्रदेश में बच्चों के लिए नशामुक्ति केन्द्र की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। आयोग की अध्यक्ष दुबे ने जरूरतों की पूर्ति हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्री से आग्रह कर करने की बात कही। इस परिचर्चा में प्रदेश के जिला बाल संरक्षण अधिकारियों ,संस्थाओं के अधीक्षकों ने हिस्सा लिया।