दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अब जिले में भी अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत ठेले और गुमटियों को भी खोलने की अनुमति दे दी गई है। लेकिन ठेले और गुमटियों में बैठकर खाने-पीने की सुविधा नहीं होगी। इसकी जगह टेकअवे यानी लोग सामान खरीदकर अपने साथ ले जा सकेंगे।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही हाट-बाजारों, चौपाटी और चौक-चौराहों में चाय-नास्ते, खाद्य सामग्रियों व चाट-गुपचुप के ठेलों के खुलने का रास्ता साफ गया है। पहले चरण के लॉक डाउन से ही इन दुकानों को बंद करा दिया गया था। इस बीच किस्तों में कई रियायतें दी गई, लेकिन छोटे स्तर पर संचालित किए जाने वाले इन ठेले व गुमटियों को अब तक कोई भी राहत नहीं मिल पाई थी। केंद्र सरकार द्वारा एक जून से देशभर में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा और राज्य सरकार के गाइड लाइन के बाद अब इन्हें भी शर्तों के साथ दुकान खोलने की अनुमति मिल गई है।
20 फीट की दूरी जरूरी
ठेले व गुमटियों को खोलने की अनुमति के साथ इनमें भीड़ न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए ठेले व गुमटी के बीच कम से कम 20 फीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा। इसके लिए जरूरत अनुसार मार्किंग की जाएगी। ठेला व गुमटी संचालकों को सामान्य दुकानों की तरह खरीदारों के खड़े होने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम के अनुसार मार्किंग भी करनी होगी।
जगह नहीं तो ऑड-इवन
जिन जगहों पर ज्यादा संख्या में ठेले व गुमटिया संचालित होती है और ज्यादा भीड़ जमा होने की संभावना होगी। वहां ऑड-इवन के माध्यम से ठेले व गुमटी संचालकों को अनुमति दी जाएगी। ऑड-इवन का निर्धारण स्थानीय निकाय व पुलिस प्रशासन द्वारा किया जाएगा। इसके बाद भी ठेले गुमटियों की संख्या ज्यादा होने पर अन्य स्थलों पर ठेले गुमटी संचालन की व्यवस्था की जा सकेगी।
रविवार को नहीं होगी अनुमति
ठेले और गुमटियों के संचालकों को सोमवार से शनिवार तक सुबह 7 से शाम 6 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन यह छूट रविवार को नहीं होगी। रविवार को सभी ठेले व गुमटियों को बंद रखा जाएगा। ठेले व गुमटी संचालकों को शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं होने पर निगम और पुलिस के अधिकारी कार्रवाई कर सकेंगे।