भाजपा नेताओं की राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण, हितैषी हैं तो मजदूरों और किसानों को केंद्र से दिलाएं राहत पैकेज – राजेंद्र साहू

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने श्रमिकों को लेकर भाजपा के केंद्रीय और प्रादेशिक नेताओं की राजनीति को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की विपरीत परिस्थितियों में आज अपने और परिवार के भविष्य को लेकर सबसे ज्यादा श्रमिकों और किसानों को चिंता हो रही है। भीषण संकट के दौर में भाजपा की केंद्र सरकार ने इन वर्गों को अब तक कोई राहत नहीं दी है। राहत देने की बजाय भाजपा नेता राजनीति कर रहे हैं।
राजेंद्र ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज सिर्फ कागजों और घोषणाओं तक सिमट कर रह गया है। धरातल में कुछ भी नजर नहीं आ रहा। भाजपा नेताओं द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं लेकिन सच ये है कि वे बता नहीं पा रहे कि वास्तव में पैकेज की घोषणा से किसे क्या लाभ मिला है। पैकेज में मजदूरों और किसानों को केंद्र सरकार से ऐसी कोई मदद नहीं मिली है, जिससे उन्हें राहत महसूस हो सके।
राजेंद्र ने कहा कि भाजपा नेताओं का रवैया बेहद अजीबोगरीब है। केंद्र में 6 साल से सरकार में रहने वाले मोदी सरकार के मंत्रियों समेत भाजपा के प्रमुख नेता लॉकडाउन से जुड़े हर मुद्दे पर सवाल कर रहे हैं कि कांग्रेस ने यह काम क्यों नहीं किया। राजेंद्र ने कहा कि भाजपा नेताओं को याद रखना चाहिए कि विपक्ष का काम जनहित से संबंधित मांगों को सरकार के सामने रखना होता है। जनता के हितों का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी होती है।
राजेंद्र ने तंज कसते हुए कहा कि क्या भाजपा सरकार के मंत्रियों और संगठन नेताओं को गलतफहमी हो गई है कि देश में कांग्रेस की सरकार चल रही है। अगर गलतफहमी नहीं है तो वे किस आधार पर सवाल कर रहे हैं। केंद्र में मोदी सरकार होने के बावजूद श्रमिकों को गंतव्य स्थल तक पहुंचाने सहित अन्य मामलों के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराना मानसिक दिवालियापन है। ऐसा कर वे अपनी गलतियों को छिपाने का असफल प्रयास कर रहे हैं।
राजेंद्र ने छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों पर प्रहार करते हुए कहा कि राज्य के मजदूरों और किसानों के लिए अब तक केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग क्यों नहीं की? सांसद के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर भाजपा सांसद अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। वे खुद अपनी पार्टी के घोषणापत्र और स्वयं द्वारा किए गए वादों का आकलन कर बताएं कि कितने वादों को पूरा किया गया। टीए-टीओटी का मामला, बीएसपी वेज रिवीजन, इस्पात श्रमिकों की मांग, दुर्ग-बेमेतरा रेल मार्ग, 2 करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार, किसानों की आयु दोगुना करने सहित कई वादे आज भी जुमला साबित हो रहे हैं। यदि भाजपा सांसद वास्तव में किसानों और श्रमिकों के हित में काम करना चाहते हैं तो भाजपा सांसदों का प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ के मजदूरों और किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग करे और छत्तीसगढ़ की जनता को राहत दिलाएं।

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