दुर्ग (छत्तीसगढ़) आनंद राजपूत। कोटा में पढ़ रहे प्रदेश के छात्र-छात्रा आज लौट आए। उन्होंने विक्ट्री साइन बनाकर अपनी खुशी का इजहार किया। बच्चों ने बताया कि अपने प्रदेश पहुंचकर वे बहुत खुश हैं। लाकडाउन लगने के बाद वे काफी चिंतित थे लेकिन अब अपने प्रदेश आ गए हैं तो बहुत सुकून महसूस कर रहे हैं। दुर्ग जिले में सरगुजा जिले और सूरजपुर जिले के बच्चों को ठहराया गया है। लड़कों को रूंगटा कालेज में और लड़कियों को विज्ञान केंद्र में ठहराया गया है। इनके नाश्ते और लंच पैकेट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह डिस्पोजेबल और हाइजिनिक होगा। इन्हें प्रोटोकाल के मुताबिक डिस्पोज किया जाएगा। इनके मनोरंजन की भी पूरी सुविधा केंद्र में रखी गई है। टेलीविजन के अलावा कैरम, चेस, लूडो जैसे इंडोर गेम हैं ताकि बच्चें क्वारांटाइन की अवधि में बोरियत न महसूस करें।
सुबह दोनों केंद्रों में तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। इसके लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और निगम के अधिकारी मौजूद थे। एनाउंसिंग सिस्टम की व्यवस्था थी ताकि बच्चों के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्वास्थ्य जांच कराई जा सके। गेट पर मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई थी। अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए चेयर लगाये गये थे। बच्चों के प्रवेश के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था रखी गई थी। रैपिट टेस्ट के सारे इंतजाम कराये गये थे। इन बच्चों को कोटा लाने गई टीम के अधिकारी-कर्मचारियों को भी अलग-अलग जगहों में क्वारांटाइन किया गया है। इनका भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। सभी केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीम लगाई गई है।
बच्चे लगभग बारह बजे पहुंचे। उनके सारे सामान सैनिटाइज कराये गए। बच्चे कतारबद्ध हुए। उन्हें सैनिटाइज किया गया। टेम्प्रेचर लिया गया और फिर रैपिट टेस्ट किट से तुरंत बच्चों की जांच की गई। इसके पश्चात बच्चों को रजिस्ट्रेशन के मुताबिक कमरों में ठहराया गया। पूरी प्रक्रिया में संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा गया।
इस दौरान पूरे समय कलेक्टर अंकित आनंद एवं एसपी अजय यादव मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने व्यवस्था में लगे अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों के रूकने की व्यवस्था एवं लंच आदि की व्यवस्था की पूरी मानिटरिंग की और इस कार्य में लगे अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।