दुर्ग (छत्तीसगढ़)। विधायक अरूण वोरा ने केन्द्र सरकार से लॉकडाउन के कारण भीषण आर्थिक संकट झेल रहे औद्योगिक, व्यापारिक, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों को राहत पैकेज देने की मांग की है। वोरा ने कहा कि लॉकडाउन के कारण करीब एक माह से ज्यादा समय से छोटे व मध्यम उद्योग भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इन उद्योगों और व्यवसायों के कर्मचारियों और श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखकर राहत की संजीवनी देना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर उद्योग एक माह से बंद हैं। कई उद्योग, व्यवसाय अभी भी बंद पड़े हैं। इन उद्योगों को बैंक लोन का कम से कम तीन माह का ब्याज माफ किया जाना चाहिए। लॉकडाउन के कारण जबर्दस्त घाटा उठा रहे औद्योगिक.व्यवसायिक संस्थानों को राहत पैकेज भी मिलना चाहिए। इससे वहां काम करने वाले श्रमिकों, मजदूरों को वेतन का भुगतान हो पाएगा। वोरा ने बताया कि पूरे देश से लगातार ये खबरें आ रही हैं कि उद्योग, व्यवसाय बंद होने के कारण भारी घाटा झेलने वाले संस्थानों ने अलग.अलग तरीके से वेतन कटौती शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद कई संस्थानों ने सिर्फ आधा वेतन दिया है। कई औद्योगिक संस्थानों ने कर्मचारियों, श्रमिकों को लॉकडाउन अवधि का वेतन ही नहीं दिया। विधायक वोरा ने कहा कि उद्योगों और काम करने वाले कर्मचारियों, श्रमिकों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए एमएसएमई यानी (सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योगों) को तत्काल राहत पैकेज देना चाहिए। केंद्र सरकार पैकेज के तहत उद्योगों के कर्मचारियों और श्रमिकों के वेतन का बड़ा हिस्सा दे सकती है। इससे इन उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों और कर्मचारी वर्ग को पूरा वेतन मिल जाएगा और इस संकट की घड़ी में श्रमिक वर्ग की आर्थिक समस्या दूर हो सकेगी।