स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज मंगलवार को यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए छह जिला चिकित्सालयों में नि:शुल्क डायलिसिस सुविधा का शुभारंभ किया। जीवन धारा नाम से शुरु हुई इस नई सुविधा के लिए राष्ट्रीय फ्री डायलिसिस कार्यक्रम के तहत जिला अस्पतालों में डायलिसिस मशीनें स्थापित की गई हैं। कांकेर, महासमुंद, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा और जशपुर में डायलिसिस की सुविधा शुरू होने से किडनी रोगों से पीडि़तों को इसके लिए अब दूर नहीं जाना पड़ेगा।
रायपुर (छत्तीसगढ़)। डायलिसिस सुविधा का लोकार्पण करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि किडनी रोगों से ग्रस्त मरीजों को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। डायलिसिस की सुविधा राज्य में कुछ ही शहरों में है। लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत छह जिला चिकित्सालयों में यह नि:शुल्क सुविधा शुरू की जा रही है। इससे उन्हें अपने क्षेत्र में ही त्वरित इलाज मिलेगा। आने वाले समय में सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा शुरू की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वायरस के प्रकोप और इस संबंध में जारी एडवाइजरी के मद्देनजर सभी छह जिलों में इस सुविधा का शुभारंभ अपने निवास कार्यालय से चुनिंदा विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से किया। जीवन धारा कार्यक्रम के तहत दुर्ग, कांकेर, कोरबा और जशपुर जिला चिकित्सालयों में पांच-पांच यूनिट, बिलासपुर में चार एवं महासमुंद में तीन डायलिसिस यूनिट की स्थापना की गई है। कार्यक्रम के अंतर्गत फेयरफैक्स इंडिया चैरिटेबल फाउंडेशन (ट्रस्ट), मुंबई द्वारा छत्तीसगढ़ में कुल 30 डायलिसिस मशीन नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फे्रसिंग के जरिए चार जिला अस्पतालों में डायलिसिस मशीनों एवं अन्य व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया। जीवन धारा कार्यक्रम के अंतर्गत डायलिसिस मशीनों के संचालन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार निविदा के माध्यम से एसकैग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता का चयन किया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह, विशेष सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी मौजूद थीं।