फर्जी ऋण पुस्तिका से जमानत, अदालत के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया जुर्म

फर्जी ऋण पुस्तिका के माध्यम से जमानत लिए जाने के मामले में अदालत द्वारा अपराध पंजीबद्ध किए जाने का आदेश जारी किया गया है। आदेश के तहत पुलिस ने आरोपी जमानतदार के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी की पतासाजी पुलिस द्वारा की जा रही है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला दुर्ग जिला न्यायालय से संबंधित है। प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी डीपी सिंह डांगी की अदालत में चोरी के प्रकरण के आरोपी की जमानत फर्जी ऋण पुस्तिका के माध्यम से लिए जाने का खुलासा हुआ था। चोरी के आरोपी अनिल यादव की जमानत के लिए ग्राम भर्रे (लालबाग, राजनांदगांव) निवासी राजकपूर चंद्राकर द्वारा ऋण पुस्तिका न्यायालय के समक्ष पेश की गई थी। ऋण पुस्तिका की जांच किए जाने पर पाया गया कि पुस्तिका में अन्य ऋण पुस्तिका की फोटोकापी कराकर नए पृष्ठ संलग्न किए गए है। वहीं ऋणपुस्तिका के माध्यम से ली गई अन्य जमानतों से संबंधित एंट्री को मिटा दिया गया है। इस प्रकार से ऋण पुस्तिका में हेरफेर कर जमानत लिए जाने का प्रयास किए जाने का खुलासा होने पर मामले की शिकायत नगर कोतवाली में की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी राजकपूर चंद्राकर के खिलाफ दफा 420 का अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।