अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत की मेज पर वापस लाना और उन्हें परमाणु युद्ध जैसे हालात से बचाना उनकी एक “बड़ी सफलता” थी, जिसके लिए उन्हें कभी पूरा श्रेय नहीं मिलेगा। शुक्रवार, 16 मई 2025 को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “यह मेरी एक ऐसी सफलता है जिसके लिए मुझे शायद कभी पूरा श्रेय नहीं मिलेगा। वे (भारत और पाकिस्तान) बड़े परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं, और वे बहुत नाराज़ थे।”
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी शुक्रवार रात ‘यौम-ए-तशक्कुर’ (धन्यवाद दिवस) के अवसर पर कहा कि भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्ण पड़ोसी की तरह बातचीत करनी चाहिए और अपने सभी लंबित मुद्दों, खासकर कश्मीर को हल करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों ने अब तक तीन युद्ध लड़े हैं, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।

भारत सरकार भी सक्रिय हो गई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने हालिया भारत-पाक संघर्ष को लेकर भारत का पक्ष वैश्विक मंचों पर रखने के लिए विपक्ष और सत्तारूढ़ एनडीए के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया है। सरकार आठ प्रतिनिधिमंडलों को यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के प्रमुख देशों में भेजने की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक, कई नेताओं ने इस पहल का समर्थन किया है।
