नई दिल्ली — देश की खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक गुप्त और संवेदनशील जासूसी रैकेट को ध्वस्त कर दिया है। यह कार्रवाई तीन महीने तक चले एक अत्यंत गोपनीय ऑपरेशन के तहत की गई, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एक बड़े साजिश को नाकाम किया गया। इस ऑपरेशन के अंत में दो विशेष रूप से प्रशिक्षित जासूसों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से एक की पहचान अंसारुल मियां अंसारी के रूप में हुई है।
सूत्रों के अनुसार, अंसारुल मियां को पाकिस्तान की ओर से भारतीय सशस्त्र बलों से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ कर्मचारी, खासकर ISI अधिकारी मुजम्मिल और एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश, इस साजिश में शामिल हो सकते हैं। इन अधिकारियों पर भारत के यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से संपर्क कर उन्हें बरगलाने की भी कोशिश करने का शक है।

यह पूरा ऑपरेशन जनवरी में मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर शुरू हुआ था, जिसमें बताया गया था कि एक पाकिस्तानी जासूस नेपाल के रास्ते दिल्ली आकर भारत की सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज, फोटो और लोकेशन डेटा (Google Coordinates) इकट्ठा करेगा। इस सूचना को आधार बनाकर खुफिया एजेंसियों ने रणनीतिक ढंग से निगरानी शुरू की और फरवरी के मध्य में पुख्ता सुराग मिलने के बाद आगे की कार्रवाई तेज की गई।
जांच में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में एक आतंकी हमले की साजिश रची जा रही थी, जिसके लिए इन जासूसों द्वारा जुटाई गई सैन्य जानकारी का इस्तेमाल होना था।
फिलहाल एजेंसियां दोनों गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही हैं और पाक उच्चायोग के स्टाफ से जुड़ी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
