राजनांदगांव, 13 मई 2025
पेंड्री में संचालित 500 सीटों वाले राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की भारी कमी को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने गंभीर आपत्ति जताई है। फैकल्टी की उपलब्धता सुनिश्चित न करने पर कॉलेज को एक करोड़ रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जवाब दाखिल कर दिया है और अब स्थानीय स्तर पर वॉक-इन इंटरव्यू और कॉन्ट्रैक्ट पर डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
50% से भी कम फैकल्टी उपलब्ध
कॉलेज में स्वीकृत पदों की तुलना में केवल 50% फैकल्टी ही कार्यरत है। चौंकाने वाली बात यह है कि पीजी और यूजी बांडेड फैकल्टी की संख्या शून्य है।
फैकल्टी की स्थिति (संख्या में):

- प्राध्यापक: स्वीकृत 23 | कार्यरत 11 | रिक्त 12
- सह प्राध्यापक: स्वीकृत 30 | कार्यरत 15 | रिक्त 15
- सहायक प्राध्यापक: स्वीकृत 50 | कार्यरत 18 | रिक्त 32
डॉ. पंकज लुकाडीन, राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के अनुसार, फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए वॉक-इन इंटरव्यू और अनुबंध आधारित नियुक्तियां की जा रही हैं। साथ ही, बॉन्ड वाले प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए DME को मांग पत्र भेजा गया है।
चिकित्सा सेवा भी प्रभावित
मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी की कमी का असर संबद्ध अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं पर भी पड़ रहा है। कई विभाग संचालित नहीं हो पा रहे हैं और गंभीर मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है।
नए सत्र की तैयारी, लेकिन चुनौती बरकरार
4 मई को हुई NEET-UG परीक्षा के बाद जल्द ही कॉलेज में नया बैच प्रवेश लेगा। ऐसे में फैकल्टी की कमी विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। नए शिक्षा सत्र की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं, लेकिन पठन-पाठन और क्लीनिकल ट्रेनिंग पर संकट मंडरा रहा है।
