गौरेला–पेंड्रा–मरवाही। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल आज उस समय चर्चा में आ गए जब सुशासन शिविर में शामिल होने से पहले वह अचानक पेंड्रा की सरकारी शराब दुकान पर जा पहुंचे। मंत्री के शराब दुकान पहुंचते ही इलाके में हलचल मच गई और लोग तरह-तरह की अटकलें लगाने लगे। लेकिन बाद में खुद मंत्री ने इस ‘निरीक्षण’ की वजह बताकर सबको चौंका दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनका यह दौरा नियमित जांच अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाना है। उनके साथ जिले की कलेक्टर लीना कमलेश मंडाबी भी मौजूद थीं। मंत्री ने शराब की बिक्री, स्टॉक की विविधता और दुकानों में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि शराब बिक्री के दौरान कोई अव्यवस्था न हो और सभी वैरायटी की शराब उपलब्ध हो, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

“शराब दुकान का सफल संचालन भी हमारी जिम्मेदारी है”
मंत्री जायसवाल ने कहा कि यह इलाका बॉर्डर से लगा हुआ है, इसलिए यहाँ अवैध शराब का खतरा अधिक रहता है। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों की निगरानी जरूरी है, ताकि मध्यप्रदेश की शराब छत्तीसगढ़ में न बिके।
उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कुछ खास ब्रांड की ही शराब बिकती थी, जिससे राजस्व की हानि होती थी। अब सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है ताकि अवैध बिक्री रोकी जा सके और सरकार को राजस्व की हानि न हो।
“धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं शराबबंदी की ओर”
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के घोषणापत्र में शराबबंदी का वादा नहीं था, लेकिन सरकार चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी की ओर बढ़ रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता सिर्फ शराब बेचना नहीं, बल्कि अव्यवस्था को रोकना और वैध व्यवस्था को बनाए रखना है।
यह दौरा जहां कुछ लोगों को चौंकाने वाला लगा, वहीं मंत्री के स्पष्ट जवाबों ने यह दिखाया कि सरकार अब शराब के मुद्दे को गंभीरता से मॉनिटर कर रही है।
