छत्तीसगढ़ में ग्रीन फ्यूल के क्षेत्र में निवेश को लेकर उद्योगपतियों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। इसी कड़ी में GPSR आर्या प्राइवेट लिमिटेड के दीपक अग्रवाल ने बेंगलुरु में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की और बताया कि उनकी कंपनी राज्य में पराली से संपीड़ित जैव-गैस (CBG) बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
किसानों को होगा अतिरिक्त लाभ, प्रदूषण में होगी कमी
दीपक अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में CBG प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही है। इससे किसानों को फसल अवशेषों से अतिरिक्त आमदनी मिलेगी और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी।

कंपनी ने हाल ही में इंडियन ऑयल के सहयोग से बेमेतरा जिले में एक CBG प्लांट स्थापित किया है, जो अब पूरी तरह से कार्यशील हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना की सफलता के बाद, वे इसी मॉडल को छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी लागू करना चाहते हैं।
पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा
इस पहल से राज्य में जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की भागीदारी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पहल की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति के तहत जैव ईंधन और पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बैठक के दौरान अन्य उद्योगपतियों ने भी छत्तीसगढ़ में निवेश करने में रुचि दिखाई।
छत्तीसगढ़: ग्रीन फ्यूल हब बनने की ओर
छत्तीसगढ़ सरकार जैव ईंधन और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। उद्योगपतियों का बढ़ता रुझान न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि किसानों और औद्योगिक क्षेत्र के लिए नए अवसर भी पैदा करेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ को ग्रीन फ्यूल हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
