आयकर विभाग ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए दिसंबर 2024 तक 90,000 करदाताओं को पकड़ा है, जिन्होंने फर्जी दान और निवेश के जरिए गलत तरीके से कर छूट का दावा किया था।
हाल ही में विभाग द्वारा की गई जांच और सर्वेक्षण में पाया गया कि बड़ी संख्या में लोग राजनीतिक पार्टियों और चैरिटेबल संगठनों को फर्जी दान का दावा कर रहे हैं। अब तक सामने आए मामलों में गलत तरीके से कर छूट का कुल दावा 1,070 करोड़ रुपये है।
जांच में यह भी सामने आया है कि कई व्यक्तियों ने गैर-मौजूद शिक्षा ऋण पर ब्याज भुगतान का दावा किया। इसी तरह, कुछ लोगों ने हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) का दावा किया, जबकि उन्होंने कोई संपत्ति किराए पर नहीं ली थी। इसके अलावा, चैरिटेबल दान और कर-मुक्त निवेशों के फर्जी दावों से संबंधित कई उल्लंघन सामने आए हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 80सी (निवेश छूट), 80डी (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम), 80ई (शिक्षा ऋण), 80जी (दान छूट), और 80जीजीबी और 80जीजीसी (राजनीतिक दलों और चुनावी ट्रस्ट को दान) का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी की गई है। विभाग ने इन मामलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) स्थापित की है। झूठे दावे करने वाले कर्मचारियों और नियोक्ताओं को अपने कर रिटर्न में सुधार करने की सलाह दी गई है ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
अधिकारियों का अनुमान है कि फर्जी दावों के वास्तविक मामले रिपोर्ट की गई संख्या से तीन गुना अधिक हो सकते हैं। विभाग ने उन कंपनियों की जांच तेज कर दी है जहां इस तरह के उल्लंघन आम हैं। नियोक्ताओं से आग्रह किया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को इन नियमों के बारे में जागरूक करें।
आयकर विभाग ने करदाताओं को सख्त चेतावनी दी है कि किसी भी अनियमितता के गंभीर परिणाम होंगे। विभाग ने सभी नागरिकों से सही और सत्यापित दावे करने और किसी भी प्रकार की कर चोरी से बचने की अपील की है।