नए वर्ष की शुरुआत के साथ प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने जा रहा है। इसमें जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों, और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की नई तैनाती और पदोन्नति शामिल है।
प्रमुख प्रशासनिक बदलाव:
वर्ष 2000 बैच के सात आईएएस अधिकारियों को प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नति दी गई है। इनमें सौरभ बाबू, दीपक अग्रवाल, अमित गुप्ता, मनीष चौहान, रंजन कुमार, अनुराग यादव, और रणवीर प्रसाद का नाम शामिल है। इन सभी अधिकारियों को नए विभागों में तैनाती मिलेगी।
वर्ष 2009 बैच के 40 आईएएस अधिकारियों को विशेष सचिव से सचिव बनाया गया है। इनमें लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार, वाराणसी के डीएम एस राजालिंगम, गाजियाबाद के डीएम इंद्र विक्रम सिंह, मथुरा के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, और कानपुर के डीएम राकेश कुमार सिंह-द्वितीय शामिल हैं। इन अधिकारियों को जल्द ही नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति:
81 आईपीएस अधिकारियों को पदोन्नति दी गई है। तीन आईजी— लक्ष्मी सिंह, प्रशांत कुमार (द्वितीय), और नीलाब्जा चौधरी— को एडीजी के पद पर पदोन्नत किया गया है। इसके साथ ही, 2007 बैच के नौ आईपीएस अधिकारियों को डीआईजी से आईजी बनाया गया है। 2011 बैच के 25 आईपीएस अधिकारी एसपी से डीआईजी बन गए हैं।
एडीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा को डीजी के पद पर पदोन्नति दी गई है। सात अन्य एडीजी को भी इस वर्ष डीजी के पद पर पदोन्नति दी जाएगी।
नई तैनाती और तबादले:
प्रदेश के पांच जिलों में जिलाधिकारी बदलने की प्रक्रिया जारी है। नियुक्ति विभाग ने इसकी फाइल तैयार कर ली है और मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद जल्द ही आदेश जारी होंगे। कई मंडलायुक्त और प्रमुख सचिवों को भी नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
निष्कर्ष:
इस फेरबदल से प्रशासनिक व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार होगा। पदोन्नति प्राप्त अधिकारियों को अब नई भूमिकाओं में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।