बीजापुर, छत्तीसगढ़: स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर, जो 1 जनवरी से लापता थे, का शव शुक्रवार शाम बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। इस घटना ने न केवल क्षेत्र बल्कि पत्रकारिता जगत में भी सदमे की लहर दौड़ा दी है।
बीजापुर पुलिस के अनुसार, मुकेश का शव एक ताजा सील किए गए सेप्टिक टैंक में पाया गया। उनके शव पर कई चोटों के निशान थे, खासकर सिर और पीठ पर। शव की पहचान उनके कपड़ों से की गई।
पुलिस ने उनके अंतिम मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनकी खोज की और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में यह भयावह खोज हुई।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया, “ठेकेदार के परिसर में कर्मचारी रहते हैं और इस मामले में सुरेश चंद्राकर सहित कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। यह जांच की जा रही है कि क्या मुकेश की हत्या उनके हालिया रिपोर्टिंग से जुड़ी हुई है।”
इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
“बस्तर जंक्शन” चैनल के माध्यम से उठा रहे थे क्षेत्रीय मुद्दे
मुकेश चंद्राकर का यूट्यूब चैनल “बस्तर जंक्शन”, जिस पर 1.59 लाख सब्सक्राइबर थे, बस्तर क्षेत्र के मुद्दों पर केंद्रित था।
मुकेश और उनके भाई युकेश चंद्राकर, जो खुद भी पत्रकार हैं, ने कम उम्र में अपने माता-पिता को खो दिया था। दोनों भाई एक-दूसरे का सहारा बनकर अपने करियर में आगे बढ़े।
मुकेश को उनकी निडर पत्रकारिता के लिए जाना जाता था। अप्रैल 2021 में उन्होंने सीआरपीएफ कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास की माओवादियों से रिहाई में अहम भूमिका निभाई थी।
मुख्यमंत्री का आश्वासन: दोषी को बख्शा नहीं जाएगा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “दोषी को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।”
मुकेश के परिवार और समुदाय के लोग इस घटना से गहरे सदमे में हैं।