दिल्ली: सरकार और अधिकारियों के बीच चल रहे मतभेदों के बीच एक नई कड़ी जुड़ गई है। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा शुरू की गई दो योजनाओं की पंजीकरण प्रक्रिया से खुद को अलग कर लिया है।
यह कदम निर्वाचित दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच खटास को उजागर करता है। अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि इन योजनाओं का पंजीकरण प्रक्रिया उनकी सहमति के बिना शुरू की गई थी।
सरकार और अधिकारियों के बीच इस तनाव की मुख्य वजह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) अधिनियम में संशोधन है। इस संशोधन के बाद सेवाओं का विभाग उपराज्यपाल के नियंत्रण में आ गया है।
यह मामला दिल्ली सरकार और अधिकारियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद का ताजा उदाहरण है। अधिकारियों का कहना है कि बिना कानूनी प्रक्रिया और उपराज्यपाल की अनुमति के योजनाओं को लागू करना नियमों का उल्लंघन है।
आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर अधिकारियों की आलोचना करते हुए इसे जनहित के कामों में बाधा डालने की साजिश बताया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने वाला कदम कहा।