नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रविवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि वह जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से जुड़ी हैं। इस संगठन ने कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में समर्थन दिया है। बीजेपी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई पोस्ट के जरिए यह दावा किया और कहा कि यह भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को दर्शाता है।
बीजेपी ने कहा कि सोनिया गांधी, “फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (FDL-AP) फाउंडेशन” की सह-अध्यक्ष हैं, जो जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित है। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह फाउंडेशन कश्मीर को एक अलग इकाई के रूप में मानता है।
पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से 10 सवाल पूछने की बात कही। उन्होंने यह भी दावा किया कि सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले राजीव गांधी फाउंडेशन ने भी जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ साझेदारी की, जिससे भारतीय संगठनों पर विदेशी फंडिंग का प्रभाव स्पष्ट होता है।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अडानी समूह के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए “ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP)” की रिपोर्ट का इस्तेमाल किया, जो जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित है। पार्टी ने कहा कि यह कांग्रेस और सोरोस के बीच “मजबूत और खतरनाक संबंधों” को दर्शाता है।
बीजेपी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने जॉर्ज सोरोस को “पुराना दोस्त” बताया था।
बीजेपी के आरोपों के जवाब में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि ये दावे “निराशाजनक” हैं। दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी सरकार मीडिया की स्वतंत्रता की समर्थक है और जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित संगठनों के साथ उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।
अमेरिकी दूतावास के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि, “अमेरिकी अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार OCCRP को वित्त पोषित करती है और जॉर्ज सोरोस का फाउंडेशन भी इसमें योगदान देता है।”
बीजेपी और कांग्रेस के बीच विदेशी फंडिंग और कश्मीर से जुड़े आरोप-प्रत्यारोप ने भारतीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में और विवाद बढ़ने की संभावना है।