रायपुर: शेयर ट्रेडिंग के नाम पर महिला आईटी इंजीनियर से 88 लाख रुपये की ठगी के मामले में रायपुर साइबर पुलिस ने उत्तर प्रदेश से दो आरोपियों, पंकज दुबे और निखिल शुक्ला को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी मूल रूप से जौनपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इससे पहले, पुलिस ने इस मामले में एक अन्य आरोपी पी. हरिकिशोर सिंह को चेन्नई से गिरफ्तार किया था।
ठगी कैसे हुई?
नोएडा निवासी रश्मि शर्मा, जो टेक महिंद्रा में आईटी इंजीनियर हैं, रायपुर में कंपनी के काम से आई हुई थीं और होटल क्लार्क इन में ठहरी थीं। गूगल पर सर्च करते समय उन्हें एक “एवेडेंस स्पार्क ट्रेडिंग प्रोग्राम” का विज्ञापन दिखा। उत्सुकता में उन्होंने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर कॉल किया, जहां अंजली शर्मा नाम की एक युवती ने उनसे बात की। इसके बाद रश्मि को ‘इंडिया स्टॉक इन्वेस्टमेंट एकेडमी-002’ नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया।
इस ग्रुप में नरेश राठी नामक व्यक्ति ने खुद को मेंटर बताते हुए उन्हें शेयर ट्रेडिंग में भारी मुनाफा कमाने का झांसा दिया। रश्मि उसकी बातों में आ गईं और उन्होंने 8 जुलाई से 7 अगस्त 2024 के बीच विभिन्न बैंक खातों में कुल 88 लाख रुपये जमा कर दिए।
ठगी का पर्दाफाश
इतनी बड़ी राशि जमा करने के बावजूद रश्मि को कोई मुनाफा नहीं मिला, और न ही उनके पैसे लौटाए गए। बाद में उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से भी हटा दिया गया। इस ठगी का अहसास होने पर रश्मि ने रायपुर साइबर थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्यवाही
शिकायत मिलने के बाद, रायपुर साइबर टीम ने मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि पंकज दुबे और निखिल शुक्ला ने ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते उपलब्ध कराए थे। पंकज दुबे एक अंग्रेजी शिक्षक है और खाते उपलब्ध करवाने के बदले कमीशन लेता था। पुलिस ने इन खातों में 57 लाख रुपये होल्ड करवा लिए हैं।
नतीजा
पुलिस की सख्त कार्यवाही के बाद, ठगी के इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह घटना एक बार फिर से बताती है कि ऑनलाइन ठगी के मामलों में सतर्कता जरूरी है, और किसी भी वित्तीय लेनदेन से पहले अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करनी चाहिए।
रायपुर साइबर पुलिस की टीम इस मामले में आगे की जांच कर रही है, ताकि ठगी के अन्य आरोपियों का भी पता लगाया जा सके।