राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कड़े तेवर अपनाते हुए राजस्व मामलों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। विशेष रूप से सारंगढ़ जिले में राजस्व कार्यों की धीमी गति पर उन्होंने चिंता व्यक्त की और कलेक्टर को निर्देश दिए कि राजस्व संबंधित सभी मामलों का तेजी से निपटारा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए ताकि जनता को कोई असुविधा न हो।
मुख्य बिंदु: बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों और नक्शा बटांकन की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कलेक्टरों को सख्त निर्देश दिए कि अविवादित नामांतरण के मामलों को समय पर पूरा करें और उन जिलों पर खास ध्यान दें जहां 70 प्रतिशत से कम मामले निपटाए गए हैं।
सीमांकन और त्रुटि सुधार: मुख्यमंत्री ने सीमांकन को जनता से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विषय बताया और निर्देश दिए कि जहां आदेश दिए गए हैं, वहां सीमांकन का कार्य तुरंत पूरा हो। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छोटे-मोटे त्रुटियों के कारण नागरिकों को परेशान न किया जाए और उनके मामलों का जल्द से जल्द समाधान हो।
डायवर्सन में प्रदर्शन: डायवर्सन मामलों में जिलों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर मामलों का निराकरण करने से सरकार की छवि और जनता का विश्वास मजबूत होता है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राजस्व अधिकारी समय पर कोर्ट में उपस्थित हों और अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करें।
निरंतर मॉनिटरिंग की आवश्यकता: मुख्यमंत्री ने कमिश्नरों से कहा कि वे भी समय-समय पर इन मामलों की निगरानी करते रहें ताकि राजस्व विभाग के कार्यों की गति बनी रहे और जनता को त्वरित सेवाएं मिल सकें।
इस बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का स्पष्ट संदेश था कि राजस्व कार्यों में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तत्परता के साथ निभाना होगा।