Abhishek ने विकास और सुशासन के मुद्दे पर BJP को सार्वजनिक बहस की दी चुनौती

धनियाखाली (पश्चिम बंगाल) । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने विकास और सुशासन के मुद्दे पर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सार्वजनिक बहस की चुनौती दी। अभिषेक बनर्जी ने हुगली से निवर्तमान भाजपा सांसद और पार्टी उम्मीदवार लॉकेट चटर्जी को निर्वाचन क्षेत्र में वास्तविक विकास कार्यों को लेकर उनसे बहस करने की चुनौती दी। उनके साथ टीएमसी की हुगली उम्मीदवार रचना बनर्जी भी थीं। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के धनियाखाली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा, “ भाजपा का दावा है कि उसने बहुत काम किया है। उन्हें एक श्वेत पत्र पेश करना चाहिए। मैं उन्हें (लॉकेट चटर्जी) चुनौती देता हूं कि वहकाम के ‘रिपोर्ट कार्ड’ के साथ मेरे सामने आएं। हम आराम से विजयी होंगे।” 
उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की जीत का भी विश्वास जताया जिसमें टीएमसी अहम भूमिका निभाएगी। टीएमसी महासचिव ने विलासिता की वस्तुओं की तुलना में आवश्यक वस्तुओं पर असंगत जीएसटी दरों को रेखांकित करते हुए केंद्र सरकार की कर नीतियों की आलोचना की। उन्होंने भाजपा को अमीरों का पक्षधर बताते हुए कहा, ‘‘भाजपा जीरे पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाती है, जबकि समृद्धि के प्रतीक हीरे पर बमुश्किल कर लगता है।’’ अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के कार्यकाल में उच्च मंहगाई दर की निंदा की और दावा किया कि दूध, एलपीजी गैस, केरोसिन और दालें जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमत प्रभावित हो रही है। टीएमसी महासचिव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्हें एक बाहरी व्यक्ति बताया, जो केवल चुनावों के दौरान दिखाई देते हैं। 
टीएमसी नेता ने कोविड-19महामारी के दौरान राज्य में उनकी अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने मोदी पर 2019 के लोकसभा चुनावों में चुनावी लाभ के लिए पुलवामा आतंकवादी हमले का फायदा उठाने का आरोप लगाया। अभिषेक बनर्जी ने आगाह किया कि भाजपा का एजेंडा चुनावी लक्ष्यों के अलावा भी है। उन्होंने भाजपा पर क्या खाना है और क्या पहनना है जैसी व्यक्तिगत पसंद पर भी हस्तक्षेप करने की कोशिश का आरोप लगाया। विवादास्पद संदेशखालि घटना का संदर्भ देते हुए अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर बंगाल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने इसकी तुलना भाजपा के नेतृत्व वाले राज्यों में आदिवासियों पर हमलों की कथित उच्च दर से की। हुगली में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान होगा।