रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध दो वर्षों से जारी है और अब भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों ही देश एक दूसरे के खिलाफ मजबूत बढ़ोतरी बनाने के लिए अपनी रणनीति को बदलते जा रहे है। इसी बीच रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान ही एक भारतीय युवक की मौत हो गई है। अब इस भारतीय के शव को स्वदेश वापस लाने की कोशिश की जा रही है। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब युद्ध में किसी भारतीय की हत्या हुई है।
बता दें कि युद्ध में जिस युवक की हत्या हुई है उसकी पहचान 30 वर्षीय मोहम्मद असफान के तौर पर हुई है। मोहम्मद असफान रूस की सेना में सहायक के तौर पर तैनात हुआ था। उसे एक एजेंट ने धोखे से सेना के साथ लड़ने के लिए भर्ती कर लिया था। रूस की सेना के लिए काम करते हुए ही मोहम्मद अफसान ने अपनी जान गंवाई है। जानकारी के मुताबिक इस एजेंट ने कथित तौर पर अफसान को भी युद्ध में भेजा था। अफसान के घर में दो बच्चे और उसकी पत्नी है।
वहीं भारतीय की मौत के बाद रूस में भारतीय एंबेसी ने बयान भी जारी किया है। एंबेसी ने बयान में कहा कि हमें एक भारतीय नागरिक श्री मोहम्मद अफसान की दुखद मृत्यु की जानकारी मिली है। हम परिवार और रूस के अधिकारियों के साथ संपर्क में है। उनके पार्थिव शरीर को भारत लाए जाने के प्रयास किए जा रहे है। बता दें कि नौकरी घोटाले का शिकार होने के बाद 30 वर्षीय व्यक्ति को रूसी सेना में शामिल होने के लिए धोखा दिया गया था। अफसान की मौत रूसी सेना में ‘सहायक’ के रूप में काम करने वाले 23 वर्षीय भारतीय की यूक्रेनी हवाई हमले में मौत के कुछ हफ्ते बाद हुई है।
कई भारतीय रूसी सेना की गिरफ्त में
मोहम्मद अफसान की मौत की खबर आने से पहले ही ये जानकारी मिली थी कि रूस की सेना ने कथित तौर पर सात भारतीयों को गिरफ्तार किया है। इन सभी भारतीयों को कथित तौर पर यूक्रेन की सेना के साथ युद्ध लड़ने के लिए भेजा जा रहा है। बता दें कि ये भी जानकारी आई थी कि कई भारतीय युक्रेन की सेना के साथ युद्ध लड़ने के लिए धोखे से सेना में शामिल किए जा रहे है। इन सभी भारतीयों को रूस की सेना फ्रंटलाइन पर युद्ध में युक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए मैदान में उतार रही है।
हैदराबाद का था अफसान
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अफसान मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था। वो मूल रूप से हैदराबाद के बाजार घाट से ताल्लुक रखता था। वाणिज्य स्नातक अफसान पहले पुरुषों के कपड़ों की दुकान में काम करता था। अफसान काम करने के लिए दिसंबर में रूस गया था जहां हेल्पर की नौकरी करनी थी। अन्य युवाओं की तरह, उन्हें शुरुआती तीन महीनों के लिए प्रति माह 45,000 रुपये का वेतन देने का वादा किया गया था, जो धीरे-धीरे बढ़कर 1.5 लाख रुपये हो जाएगा। एक साल तक काम करने के बाद वह रूसी पासपोर्ट और नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते थे। यह एक आकर्षक प्रस्ताव था और दुर्भाग्य से वे इसके झांसे में आ गये। अफ़सान 9 नवंबर को मॉस्को के लिए रवाना हुआ। मीडिया के मुताबिक अफसान चेन्नई और शारजाह के रास्ते मॉस्को गया था। ये भी कहा गया कि उन्हें धोखा दिया गया था। उन्हें भर्ती करने वाले एजेंट ने कहा कि वे मास्को में ही काम करेंगे। मगर उन्हें 15 दिनों की ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें यूक्रेन भेजा गया और यहां रूसी सैनिकों के साथ रहने के लिए मजबूर किया गया।
बता दें कि ट्रैवल एजेंट, जिसका बाबा व्लॉग्स नाम का यूट्यूब चैनल है, ने वादा किया था कि अफसान अग्रिम मोर्चे पर नहीं लड़ेगा। 13 नवंबर को, उनसे एक साल के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया, जो रूसी में था, एक ऐसी भाषा जिसे वह नहीं जानता था। एजेंट पर विश्वास करते हुए उसने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अफसान ने एजेंट को तीन लाख रुपये भी दिए थे। मगर मॉस्को पहुंचने के बाद अफसान को यूक्रेन सीमा से 100 किलोमीटर दूर रोस्तोव-ऑन-डॉन भेजा गया। हालांकि अफसान की मौत की जानकारी अब मिली, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उसकी मौत कैसे और कहां हुई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफसान की अपने परिवार से आखिरी वीडियो कॉल 31 दिसंबर को हुई थी। बता दें कि तेलंगाना का एक और 23 वर्षीय मोहम्मद सुफियान भी अफसान की तरह ही घोटाले का शिकार हुआ था, जो दुबई की एक पैकेजिंग कंपनी में 30,000 रुपये प्रति माह कमाता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूफियान के भाई सैय्यद सलमान का कहना है कि वह फैसल खान नाम के एक एजेंट के संपर्क में आया, जो एक यूट्यूब चैनल चलाता है, और उसे मॉस्को में इस नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए प्रेरित किया गया और कहा गया कि वह कभी अधिक नहीं कमा पाएगा।